भारतीय रेलवे जल्द ही सीनियर सिटीजन्स को मिलने वाली रियायत को बहाल कर सकता है, जिसे कोरोना महामारी के दौरान बंद कर दिया गया था. इस बारे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में कहा कि स्थायी समिति ने वरिष्ठ नागरिकों को स्लीपर और थर्ड एसी में रियायत की समीक्षा करने और उस पर विचार करने की सलाह दी है. संसदीय पैनल ने सिफारिश की है कि वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे टिकट पर छूट बहाल की जानी चाहिए.
रेल मंत्री ने शुक्रवार को राज्यसभा को बताया कि भारतीय रेलवे ने 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी, जो यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए लगभग 53% की औसत रियायत है. महामारी से पहले 60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों को 50 फीसदी की छूट मिलती थी. अब कोविड-19 का खतरा कम होने और देश में अन्य सभी तरह की गतिविधियों के पूरी तरह सामान्य होने के बाद भी वरिष्ठ नागरिकों को ये राहत नहीं बहाल की गई थी.
अश्विनी वैष्णव ने कही ये बात
इस बीच केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्य सभा में एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए कहा कि रेलवे जल्द ही सीनियर सिटीजन को मिलने वाली छूट को बहाल कर सकता है. उन्होंने राज्यसभा को बताया कि भारतीय रेलवे ने 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी, जो यात्रा करने वाले हर शख्स के लिए लगभग 53 फीसदी की औसत रियायत है.
रेलवे बोर्ड ने बताया कि वो वरिष्ठ नागरिकों के किराए में रियायत देने का प्लान बना रहा है. रेलवे इस मामले पर अभी विचार कर रहा है, लेकिन इसके नियमों में कुछ बदलाव कर सकता है. फिलहाल इसके लिए स्थायी समिति इस पर विचार कर रही है.
वरिष्ठ नागरिकों को कम से कम स्लीपर और 3 एसी रियायत की समीक्षा करने की सलाह दी हैवहीं संसदीय पैनल ने भी सिफारिश की है कि सीनियर सिटीजन को रेलवे टिकट पर छूट बहाल की जानी चाहिए. दूसरी ओर, अनारक्षित जनरल टिकट की बुकिंग के लिए रेलवे ने एक स्पेशल ऐप लॉन्च किया है. अब टिकट लेने के लिए यात्रियों को लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं होगी. टिकट काउंटर कम संख्या कम होने के कारण कई बार यात्रियों को लंबी लाइनों में घंटों खड़े रहना पड़ता है.