नई दिल्ली:– पहलगाम आतंकी हमले के बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस अब तक भारत सरकार को समर्थन करते आई है। सभी विपक्षी पार्टियां एक सुर में सरकार के हर फैसले को अपना पूरा समर्थन देने की बात करती रही। लेकिन, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के नाम संबोधन के बाद एक बार फिर इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के संबोधन को लेकर कई सवाल उठाए हैं। पीएम मोदी ने अपने पूरी भाषण में एक भी बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर एक शब्द नहीं कहा। इसी बात को लेकर अब विपक्षी पार्टी हमलावर हो गई है और भाजपा से बहुत सारे सवाल कर रही है।
कांग्रेस का PM पर सवाल
कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी से एक बार फिर सर्वदलीय बैठक करने की मांग की है। उन्होंने भारत सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि क्या भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है।
जयराम रमेश ने किया पोस्ट
सोशल मीडिया एक्स पर जयराम रमेश ने पोस्ट कर लिखा- ”प्रधानमंत्री का लंबे समय से टलता आ रहा राष्ट्र के नाम संबोधन राष्ट्रपति ट्रंप के कुछ मिनट पहले किए गए खुलासों से पूरी तरह दब गया। प्रधानमंत्री ने उन पर एक शब्द भी नहीं कहा। क्या भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है? क्या भारत पाकिस्तान के साथ वार्ता के लिए किसी तटस्थ स्थल पर सहमत हो गया है? क्या अब भारत अमेरिका की इन मांगों को मान लेगा कि वह ऑटोमोबाइल, कृषि और अन्य क्षेत्रों में अपने बाज़ार खोल दे?”
सेना को किया सलाम
उन्होंने आगे लिखा-”प्रधानमंत्री को तत्काल सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक करनी चाहिए। ऐसा कुछ जो उन्होंने पिछले बीस दिनों में सधे ढंग से टाल रखा है। आने वाले महीने सतर्क कूटनीति और सामूहिक संकल्प की मांग करेंगे। सिर्फ़ एक-दो लाइनें बोलना इस वक्त की जरूरतों का विकल्प नहीं हो सकते। हम अपनी सशस्त्र सेनाओं को बिना किसी शर्त के सलाम करते हैं और उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने देश का मान बढ़ाया है। हम हर समय 100% उनके साथ हैं। लेकिन प्रधानमंत्री को अब भी कई सवालों के जवाब देने बाकी हैं।”
अमेरिका ने दी थी धमकी
जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से कुछ देर पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि ”मैंने उन्हें (भारत और पाकिस्तान) कहा कि इसे बंद करो, अगर नहीं बंद किया तो हम कोई व्यापार नहीं करेंगे। इसके बाद अचानक दोनों ने कहा कि वे रुक रहे हैं।” इस बयान से यह समझा जा सकता है कि अमेरिका ने दोनों देशों पर व्यापारिक दबाव डालकर सीमा पर गोलीबारी बंद करवाने की कोशिश की है।
