नई दिल्ली:- देश की महिलाओं को सशक्त बनाने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को हरियाणा के पानीपत में बीमा सखी योजना की शुरुआत करेंगे. इसका मकसद अशक्त महिलाओं को सशक्त बनाना और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है. इस योजना भारतीय जीवन बीमा निगम की ओर से चलाई जाएगी.
बीमा सखी योजना के तहत ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ना है. ताकि वो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें.
क्या है बीमा सखी योजना
दरअसल, बीमा सखी योजना 18 से 70 साल की 10वीं पास महिलाओं के लिए बनाई गई है. इस योजना के तहत महिलाओं को तीन साल तक विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. तीन साल तक महिलाओं को वजीफा भी प्रदान किया जाएगा. ट्रेनिंग समापत होने के बाद महिलाओं को एलआईसी एजेंट के रूप में काम करने के योग्य माना जाएगा. इतना ही नहीं स्नातक स्तर की बीमा सखियों को एलआईसी में विकास अधिकारी बनने का भी अवसर मिलेगा.
वित्तीय सहायता
बीमा सखी योजना के तहत देश भर में 1 लाख महिलाओं को एलआईसी एजेंट के रूप में काम करने के लिए ट्रेंड किया जाएगा. ये महिलाएं न केवल एलआईसी के बारे में जानकारी हासिल करेंगी बल्कि बीमा पॉलिसियां बेचने और अपने समुदायों में वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाएंगी.
इस योजना के लिए चयनित महिलाओं को पहले साल हर महीने 7 हजार रुपये दिए जाएंगे. दूसरे साल में यह राशि 6000 रुपये कर दी जाएगी. तीसरे साल में 5 हजार रुपये हर महीने दिए जाएंगे. जो बीमा सखी अपने टारगेट पूरा करेंगी, उन्हें अलग से कमीशन दिया जाएगा. योजना के पहले फेज में 35 हजार महिलाओं को बीमा एजेंट के तौर पर रोजगार दिया जाएगा. उसके बाद 50 हजार और महिलाओं को योजना का लाभ दिया जाएगा.
क्या है मकसद
पीएम बीमा सखी योजना का मकसद यह सुनिश्चित करने में मदद करना है कि महिलाओं को एलआईसी एजेंट के रूप में ट्रेनिंग हासिल करते हुए खुद को सशक्त बना सकें. बीमा सखी योजना का प्राथमिक उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को नौकरी के अवसर और स्थिर आय सुनिश्चित करना है, जिन क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार के विकल्प सीमित हैं.
 
		