नई दिल्ली:– प्राइम मिनिस्टर ऑफिस यानि पीएमओ ने शुक्रवार को रेयर अर्थ मैग्नेट्स पर देश की तैयारी और नीति के रुख का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. यह जानकारी CNBC-TV18 को कई सूत्रों से मिली है. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में डिपार्टमेंट ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज और मिनिस्ट्री ऑफ माइंस के बड़े अधिकारी शामिल हुए
यह बैठक तब हो रही है जब भारत के मुख्य सप्लायर चीन के द्वारा अप्रैल 2025 से रेयर अर्थ मैग्नेट्स पर रोक लगाई गई है.
चीन की रोक से बढ़ी इंडस्ट्री की मुश्किलें
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के द्वारा नाम न बताने की शर्त पर कहा गया कि चीन से रेयर अर्थ मैग्नेट्स के इंपोर्ट में पूरी तरह से आई रुकावट ने ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि ये सेक्टर इन पर अत्यधिक निर्भर हैं.
रेयर अर्थ मैग्नेट का उपयोग इलेक्ट्रिक मोटर्स, विंड टरबाइन, मेडिकल डिवाइस और डिफेंस टेक्नोलॉजी में बड़े पैमाने पर होता है. दुनिया की 80% से अधिक रेयर अर्थ मैग्नेट की सप्लाई चीन के हाथों में है. इस रोक की वजह से भारतीय मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. सूत्रों के अनुसार, PMO की बैठक में चीन की अथॉरिटी के पास लंबित इंपोर्ट एप्लीकेशन और मंजूरियों में देरी की स्थिति की समीक्षा की गई. साथ ही, किसी एक देश पर निर्भरता कम करने और रेयर अर्थ की एक आत्मनिर्भर सप्लाई चेन विकसित करने की नीति पर भी चर्चा की गई.
इसके साथ ही अधिकारियों ने 1,345 करोड़ रुपये की प्रस्तावित इन्सेंटिव स्कीम की रूपरेखा की समीक्षा की, जिसका उद्देश्य भारत में रेयर अर्थ मैग्नेट्स का घरेलू उत्पादन बढ़ाना है. सूत्रों ने कहा कि बैठक में विभिन्न मंत्रालयों के बीच इस योजना पर जारी चर्चा की समीक्षा की गई. इस योजना का उद्देश्य निजी कंपनियों को रेयर अर्थ प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और मैग्नेट प्रोडक्शन में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना है. इसके साथ ही एक अन्य सूत्र ने कहा कि घरेलू सप्लाई चेन, रेयर अर्थ माइनिंग और मैग्नेट प्रोडक्शन में निवेश आकर्षित करना अब रणनीतिक प्राथमिकता बन गई है.
लंबी अवधि के रोडमैप पर फोकस
PMO की बैठक में केवल छोटी अवधि की चुनौतियों पर ही नहीं, बल्कि एक लंबी अवधि के रोडमैप बनाने की संभावना पर भी चर्चा की गई, ताकि भारत का खुद का रेयर अर्थ माइनिंग, रिफायनिंग और मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा सके.
रोडमैप में रेयर अर्थ रिजर्व्स की पहचान, केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय, मैग्नेट प्रोडक्शन के लिए क्षमताओं का निर्माण शामिल है
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक के बाद जल्द ही मंत्रालयों के बीच चर्चाओं के अगले दौर होंगे, जिसे नीतियों को अंतिम रूप देकर आगे बढ़ा जाए.
क्यों अहम हैं रेयर अर्थ मैग्नेट्स
रेयर अर्थ एलीमेंट जैसे Neodymium, Praseodymium, और Dysprosium आधुनिक इलेक्ट्रिक व्हीकल , रीन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट और डिफेंस टेक्नोलॉजी में इस्तेमाल किए जाते हैं. जैसे-जैसे भारत अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को गति दे रहा है और क्रिटिकल सेक्टर में इंपोर्ट पर निर्भरता घटाना चाहता है, रेयर अर्थ मेटल्स की रणनीतिक महत्ता और अधिक बढ़ गई है.