नई दिल्ली:– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली का त्योहार सैनिकों और देश के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ मनाया। सोमवार शाम को उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से शिष्टाचार भेंट की और उन्हें शुभकामनाएं दीं। इससे पूर्व, उन्होंने आईएनएस विक्रांत पर नौसेना के जवानों के साथ दिवाली का जश्न मनाया था।
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से शिष्टाचार भेंट
दीपावली के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी सोमवार शाम को राष्ट्रपति भवन पहुंचे और द्रौपदी मुर्मू से भेंट की। राष्ट्रपति भवन ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से पोस्ट कर इसकी जानकारी दी, जिसमें लिखा था कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और दीपावली की शुभकामनाएं दीं”।
इसके बाद, पीएम मोदी उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन से मिलने उनके आवास पहुंचे। उपराष्ट्रपति ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “उपराष्ट्रपति आवास पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने और उनसे मिलकर व दीपावली की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करके मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई।”। इस दौरान पीएम मोदी ने उपराष्ट्रपति आवास पर पूजा-अर्चना भी की।
आईएनएस विक्रांत पर जवानों के साथ दिवाली
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मिलने से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने आईएनएस विक्रांत पर भारतीय नौसेना के वीर जवानों के साथ दीपावली का जश्न मनाया। प्रधानमंत्री ने इस अनुभव को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल बताया। उन्होंने कहा कि समुद्र में गहरी रात और सूर्योदय ने इस दिवाली को कई मायनों में यादगार बना दिया। उन्होंने यह भी कहा कि “मेरा यह सौभाग्य है कि मैं भारतीय नौसेना के वीर जवानों के बीच यह दिवाली मना रहा हूं”। पीएम मोदी ने आईएनएस विक्रांत से देश के सभी 140 करोड़ नागरिकों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
आईएनएस विक्रांत: 21वीं सदी के भारत की प्रतिभा का प्रमाण
आईएनएस विक्रांत पर बिताए पलों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्र पर सूर्य की रोशनी की चमक, दीपावली के दौरान वीर सैनिकों की ओर से जलाए गए दीपों की तरह है, जो दीपों की एक दिव्य माला बनाती है। उन्होंने आईएनएस विक्रांत को राष्ट्र को सौंपे जाने के क्षण को याद किया और कहा कि “विक्रांत एक युद्धपोत नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत की कड़ी मेहनत, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है”।
औपनिवेशिक विरासत का त्याग
पीएम मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि जिस दिन राष्ट्र को स्वदेश निर्मित आईएनएस विक्रांत प्राप्त हुआ, उसी दिन भारतीय नौसेना ने औपनिवेशिक विरासत के एक प्रमुख प्रतीक का त्याग कर दिया था। उन्होंने इस पर प्रकाश डाला कि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित होकर, नौसेना ने एक नया ध्वज अपनाया था।