छत्तीसगढ़:- अब नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। 11 दिसंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। इसी के चा से पांच दिन के अंदर वार्ड वार आबादी के आनुसार आरक्षण की सूची भी जारी की जा सकती है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों की घोषणा 15 से 20 दिसंबर के बीच में लग सकती है।
बता दें कि नगरीय निकाय चुनावों आरक्षण की सूची जारी करने के बाद वार्ड में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या की स्थिति का भी पता चल जाएगा। इसी के साथ ही ओबीसी को इस बार वार्ड की जनसंख्या 50 प्रतिशत होने पर आरक्षण मिलेगा। वार्डों आरक्षण सूची के जारी होने के बाद तय हो जाएगा कि किस वार्ड से OBC, SC-ST के नेता चुनाव लड़ सकेंगे।
ओबीसी को मिलेगा आबादी पर आरक्षण
बता दें कि हाल ही में हुई मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट बैठक में सरकार ने कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरा नगरीय निकायों में 50 प्रतिशत आबादी के अनुसार OBC आरक्षण देने का निर्णय लिया गया।
इस पर अब राज्यपाल ने भी सहमति जता दी है। इसी के साथ ही इस निर्णय को राजपत्र में शामिल किया गया है। इससे पहले OBC को 25 प्रतिशत तक प्राथमिकता मिलती थी। इसी के साथ ही ये शर्त भी है कि जिन क्षेत्रों में ST-SC का पहले से ही आरक्षण 50 प्रतिशत या फिर उससे अधिक है तो ऐसे वार्डों में OBC को आरक्षित नहीं किया जा सकेगा।
ओबीसी वार्डों की बढ़ सकती है संख्या
बता दें कि नगरीय निकायों में पिछड़ा वर्ग आयोग ने ओबीसी आबादी का सर्वे कराया था। यह सर्वे केवल मतदाताओं का ही किया गया था। इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि रायपुर नगर निगम में OBC के लिए कुछ वार्ड आरक्षित होंगे। इनकी संख्या में भी बढ़ोतरी हो सकती है। क्योंकि रायपुर में कई इलाके ऐसे हैं, जहां OBC की आबादी अधिक है, इससे OBC वार्डों की संख्या में भी इजाफा होगा। हालांकि जहां आदिवासी आबादी ज्यादा है, वहां OBC को मौका नहीं दिया जाएगा।
अलग-अलग चरणों में होगा निकाय चुनाव
बता दें कि 2019 में पिछला नगर निगम चुनाव बैलेट पेपर से कराया गया था। प्रदेश में नगर निगम, पालिका व पंचायत चुनाव प्रदेश में एक साथ होंगे, ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं। ये त्रिस्तरीय चुनावों की घोषण एक साथ हो सकती है। हालांकि चुनाव अलग-अलग चरणों में आयोजित किए जाएंगे।
जानकारी मिल रही है कि शहरी चुनाव नगर निगम EVM और पंचायत के चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाने पर विचार चल रहा है। बैलेट पेपर की आवश्यकता इस वजह से पड़ सकती है, क्योंकि उम्मीदवार ज्यादा मैदान में उतरेंगे। बता दें कि पिछली बार निकाय चुनाव में मतदाताओं ने एक-एक वोट डाला था, क्योंकि पार्षद को ही चुनना था, लेकिन इस बार पार्षद, अध्यक्ष और मेयर के भी वोट डलेंगे।