मध्यप्रदेश:– हिंदू धर्म में नवरात्रि के समय कन्या पूजन का अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान हैष इस पर्व में कन्या पूजन से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। नवरात्रि के किसी भी दिन कन्या पूजन किया जा सकता है, लेकिन अष्टमी और नवमी को इसे सबसे शुभ और फलदायक माना जाता है। इस दिन 2 से 10 वर्ष की कन्याओं का पूजन किया जाता है, जिन्हें मां दुर्गा के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व माना जाता है। प्रत्येक आयु की कन्या के पूजन से अलग-अलग पुण्य फल प्राप्त होता है। जैसे 2 वर्ष की कन्या के पूजन से गरीबी दूर होती है, जबकि 9 वर्ष की कन्या की पूजा से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:37 बजे से 05:25 बजे तक।
अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:47 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:10 बजे से 02:58 बजे तक।
इन शुभ समय में कन्या पूजन करने से अधिक लाभ और सिद्धि की प्राप्ति होती है।
महानवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि की महानवमी इस बार बुधवार, 1 अक्टूबर को मनाई जाएगी। नवमी के दिन कन्या पूजन के लिए शुभ समय इस प्रकार हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:37 बजे से 05:26 बजे तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:09 बजे से 02:57 बजे तक।
रवि योग: सुबह 08:06 बजे से पूरे दिन।
इस दौरान कन्या पूजन करने से मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है।
कन्या पूजन की विधि
सबसे पहले कन्या पूजन के लिए कन्याओं को आदरपूर्वक आमंत्रित करें। उन्हें सम्मानपूर्वक बैठाएं और उनके पैर धोएं। माथे पर रोली या कुमकुम का तिलक लगाकर चुनरी ओढ़ाएं। फिर मां दुर्गा का ध्यान करते हुए कन्याओं को भोजन कराएं। इसके बाद उन्हें दक्षिणा और उपहार दें। अंत में कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें और पूरे सम्मान के साथ विदा करें। इस प्रकार नवरात्रि की अष्टमी और महानवमी को कन्या पूजन करना न केवल धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि इससे परिवार में सुख और समृद्धि आती हैं।