छत्तीसगढ़ में स्वामी विवेकानंद की बाल स्मृतियों पर लोक गीत की प्रस्तुति लोक गायक डॉ पुरुषोत्तम चंद्राकर द्वारा
रायपुर, 13 जनवरी। रेनांसा यूनिवर्सल रायपुर चैप्टर द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस पर महान वेदांती स्वामी विवेकानंद जी की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस आनंद मार्ग आश्रम श्री आनंदमूर्ति सभा कक्ष स्कूल नलघर चौक बैरन बाजार रायपुर में सिंपोजियम आयोजित किया गया जिसमें ” युवाओं का समाज में योगदान ” विषय पर परिचर्चा अवसर पर छत्तीसगढ़ में स्वामी विवेकानंद की बाल स्मृतियों पर लोक गीत ” जब स्वामी विवेकानंद छत्तीसगढ़ आईन….. की सुंदर विस्तार पूर्वक प्रस्तुति डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर सुप्रसिद्ध लोक गायक द्वारा किया गया।
इस अवसर पर परिचर्चा कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विशेषज्ञ प्रदीप शर्मा ने की इसके प्रमुख वक्ता समाजसेवी ललित बघेल संतराम साहू और प्रफुल्ल ठाकुर रेनांसा यूनिवर्सल के चेयरमैन डॉ.सत्यजीत साहू रहे। कार्यक्रम में आनंद मार्ग प्रचारक संघ के डीएस आचार्य अर्पितानंद अवधूत ने संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय पुनर्जागरण के बाद युवाओं को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित एवं दिशा देने के लिए निश्चय ही हम सबसे पहले स्वामी विवेकानंद जी का स्मरण करते हैं इन युवाओं के सपनों को सार्थक दिशा एवं संगठन रूप श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने दिया। रेनांसा यूनिवर्सल के चेयरमैन डॉक्टर सत्यजीत साहू ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि बौद्धिक समाज में विमर्श की परंपरा को अक्षुण्ण रखने बाबा ने रेनांसा यूनिवर्सल का गठन किया था।

सुप्रसिद्ध कृषि विशेषज्ञ प्रदीप शर्मा ने कहा कि युवा तन से नहीं मन से समाज और राष्ट्र के बारे में सोचता है भारत के 3 महान युवाओं ने धर्म अध्यात्म समाज और राष्ट्र के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन कर दिया। समाजसेवी ललित बघेल ने कहा कि हम सबके बीच छत्तीसगढ़ के विवेकानंद के रूप में स्वामी आत्मानंद जी महाराज आदर्श रहे हैं समाजसेवी संतराम साहू ने युवा अवस्था में साथियों के सहयोग से सामाजिक कुरीतियों और बदलाव के साथ एक व्यवस्थित एवं मजबूत संगठन बनाने की कहानियों को याद किया उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद और श्री श्री आनंदमूर्ति जी जैसे तपस्वी द्वारा समाज एवं राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए रोपा गया बीज अब विस्तृत हो गया है। कार्यक्रम में गीतों के माध्यम से स्वामी विवेकानंद जी की जीवन वृतांत को डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर ने लोकगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन इंद्रजीत साहू, स्वागत वक्तव्य अन्नपूर्णा टिकरिहा और आभार प्रदर्शन कस्तूरी पोमल ने किया। इस अवसर पर आचार्य एच एल ब्रोकर, के पी सिंह, डॉ. संतोष जाड़िया, मालती परगनिहा गंगा श्रीवास, राखी वर्मा,प्रो. सुनीता चंसोरिया उपस्थित रहे।