नई दिल्ली:– देश के करोड़ों किसानों के लिए राहत की सबसे बड़ी स्कीम मानी जाती है. इस योजना के तहत किसानों को हर साल ₹6000 की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिसे तीन किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है. अब तक सरकार 20 किस्तें जारी कर चुकी है और किसान बेसब्री से 21वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं.
लेकिन, इस बीच एक बड़ा सवाल उठ रहा है, क्या आपका नाम भी लाभार्थियों की सूची से हट सकता है? क्योंकि सरकार लगातार ऐसे किसानों की पहचान कर रही है, जो पात्रता की शर्तें पूरी नहीं करते.
किन किसानों के आवेदन हो सकते हैं रद्द?
सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, निम्न स्थितियों में किसानों का आवेदन अस्वीकार कर दिया जाता है:
सरकारी नौकरी करने वाले किसान – यदि कोई किसान केंद्र या राज्य सरकार की नौकरी में है, तो वह इस योजना का लाभ नहीं ले सकता.
इनकम टैक्स भरने वाले किसान – जिन किसानों की आय इतनी है कि वे इनकम टैक्स फाइल करते हैं, वे भी अपात्र माने जाते हैं.
गलत जानकारी वाले आवेदन – आवेदन पत्र में छोटी-सी गलती या गलत दस्तावेज देने पर भी फॉर्म रिजेक्ट हो जाता है.
पात्रता जांच में पकड़े गए अपात्र किसान – समय-समय पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही लाभार्थियों की जांच करती हैं. ऐसे में जो किसान मानदंड पर खरे नहीं उतरते, उनके नाम सूची से हटा दिए जाते हैं.
फर्जीवाड़ा करने वाले किसान – कई बार देखा गया है कि अपात्र लोग योजना का लाभ लेने की कोशिश करते हैं. ऐसे मामलों में न सिर्फ आवेदन रद्द होता है, बल्कि पहले मिली राशि भी वापस वसूली जा सकती है.
क्यों जरूरी है ई-केवाईसी और
भू-सत्यापन?
सरकार ने साफ कर दिया है कि ई-केवाईसी (e-KYC) और भू-सत्यापन करवाना अब हर लाभार्थी किसान के लिए अनिवार्य है. यदि यह प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती, तो भुगतान अटक सकता है.
e-KYC से सरकार किसानों की पहचान की पुष्टि करती है.
भूमि सत्यापन से यह तय होता है कि किसान वास्तव में कृषि भूमि का स्वामी या cultivator है.
किसानों के लिए जरूरी अलर्ट
यदि आप 21वीं किस्त का लाभ पाना चाहते हैं तो जल्द से जल्द अपना e-KYC अपडेट करवाएं.
अपने भूमि दस्तावेजों की जांच करा लें ताकि पात्रता पर कोई सवाल न उठे.
आवेदन में दी गई सभी जानकारियाँ सही हों, अन्यथा आपका नाम सूची से बाहर किया जा सकता है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना गरीब और छोटे किसानों के लिए वरदान है, लेकिन सरकार अब फर्जी और अपात्र लाभार्थियों पर सख्त कार्रवाई कर रही है. यदि आपका आवेदन नियमों के अनुरूप है तो आपको किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी, लेकिन अगर शर्तें पूरी नहीं हुईं तो आपकी किस्त भी अटक सकती है और आवेदन रद्द भी हो सकता है।