
मोदी ने अपनी पिछली जापान यात्रा को याद करते हुए कहा कि उस दौरान उनकी आबे के साथ लंबी बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा, ” भारत आपको याद कर रहा है शिंजो आबे। गौरतलब है कि आबे (67) की आठ जुलाई को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह दक्षिणी जापानी शहर नारा में चुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने किशिदा से कहा, ”मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-जापान के संबंध और प्रगाढ़ होंगे और नई ऊंचाई हासिल करेंगे। वहीं, किशिदा ने आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने आने को लेकर मोदी का आभार जताया। जापान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री किशिदा ने पूर्व प्रधानमंत्री आबे की राजनयिक विरासतों को आगे बढ़ाते हुए ”एक मुक्त, खुले हिंद-प्रशांतके दृष्टिकोण को साकार करने के वास्ते प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर काम करते रहने की इच्छा जाहिर की।
बयान के अनुसार, किशिदा ने कहा कि इस साल जब जापान-भारत अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और अगले साल जब जापान तथा भारत क्रमश: जी7 और जी20 की अध्यक्षता करेंगे यह समय ”जापान-भारत की विशेष रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने को लेकर भी सहमति व्यक्त की। बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने यूक्रेन की मौजूदा स्थिति सहित क्षेत्रीय स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के साझा दृष्टिकोण को दोहराया।
साथ ही, अगले साल जी7 और जी20 में क्रमश: जापान और भारत की अध्यक्षता के मद्देनजर साथ काम करते रहने को लेकर भी प्रतिबद्धता व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी निप्पॉन बुडोकन में आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल हुए, जिसमें 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें 20 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख शामिल थे। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री आबे के योगदान को याद किया, जिन्हें वह एक प्रिय मित्र और भारत-जापान साझेदारी का पक्षधर मानते थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अकासा पैलेस में आबे की पत्नी के साथ एक निजी मुलाकात भी की। बयान में कहा गया, ”प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीमती आबे के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने अपनी गहरी मित्रता और भारत-जापान संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने में पूर्व प्रधानमंत्री आबे के महत्वपूर्ण योगदान को याद किया।
