कोरबा/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा, छत्तीसगढ़ एवं
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति के सहयोग से संचालित विशेष मध्यस्थता अभियान “राष्ट्र के लिए मध्यस्थता” के अंतर्गत 18- जुलाई 2025 को जिला न्यायालय, कोरबा में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक श्री एस. शर्मा, प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि मध्यस्थता विवाद समाधान की एक सहज, त्वरित और विश्वासजनक विधि है, जिसके माध्यम से न्यायालय के बाहर विवादों का संतोषजनक समाधान संभव है। उन्होंने बताया कि मध्यस्थता योग्य मामलों में वैवाहिक विवाद, मोटर दुर्घटना दावे, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद, सेवा विवाद, आपराधिक समझौता योग्य मामले, उपभोक्ता मामले, ऋण वसूली, बंटवारा और बेदखली के मामले, भूमि अधिग्रहण से संबंधित विवाद आदि सम्मिलित हैं।
बैठक में न्यायाधीशों को निर्देशित किया गया कि वे अधिक से अधिक मध्यस्थता योग्य प्रकरणों की पहचान कर उन्हें मध्यस्थता के लिए संदर्भित करें। साथ ही, अभियान के प्रचार-प्रसार को प्राथमिकता देने हेतु भी दिशा-निर्देश प्रदान किए गए।
प्रधान जिला न्यायाधीश ने यह भी निर्देशित किया कि पैरालीगल वॉलंटियर्स के माध्यम से चौक-चौराहों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर मध्यस्थता की जानकारी आम नागरिकों तक पहुचाई जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकें साथ ही प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सहयोग से इस अभियान को व्यापक स्तर पर प्रचारित-प्रसारित करने पर बल दिया गया।
यह बैठक मध्यस्थता केन्दों की भूमिका, प्रक्रिया तथा मामलों की पहचान से जुड़े विविध पहलुओं पर अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध हुई। सभी न्यायाधीशों ने इस अभियान को सफल बनाने हेतु अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
युक्त इस बैठक में जिला न्यायालय कोरबा के सभी संबंधित न्यायाधीश उपस्थित रहे
और कटघोरा, पाली, करतला व्यवहार न्यायालयों के न्यायाधीशों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।