
कोरबा पुरैना नदी के पास निर्माणाधीन गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर स्थल पर भूमि अधिग्रहण पेड़ों के मुआवजे से असंतुष्ट ग्रामीणों की असहमति से निर्माण स्थल पर उत्पन्न गतिरोध को समाप्त करने किसानों के साथ रेलवे प्रशासन की मध्यस्थता में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ हुई वार्ता में बनी सहमति के आधार पर यह कार्य सुरू हो गया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा कोयला ढुलाई को आसान बनाने के लिए गेवरा-पेंड्रा रोड रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि कई किसानों को अधिग्रहित जमीन पेड़ों का मुआवजा उपर्युक्त नहीं मिला है वे निर्माण स्थल पर ही अनिश्चितता को लेकर कार्यस्थल पर अनसन में बैठ गए थे, जिससे निर्माण कार्य वाधित हो रूक गया था। इसके बाद रेलवे प्रशासन ठेका कंपनी की मध्यस्थता में हुई वार्ता में यह सहमति बनी कि जिन किसानों को पेड़ जमीन का मुआवजा नहीं मिला है, उनकी जमीन का सर्वे शुरू कर मुआवजा देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी, अधिग्रहित जमीन पर बने मठ और देवस्थलों का ग्रामीणों के रीति-रिवाज के अनुसार पुनर्विस्थापित किया जाएगा

अधिग्रहित जमीन के बाद किसानों की शेष बची आंशिक जमीन पर यदि लाभदायक खेती संभव नहीं है, तो रेल प्रशासन द्वारा उसे भी अधिग्रहित कर मुआवजा दिया जाएगा। रेल अधिकारियों ठेकेदार कम्पनी के इस मध्यस्थता में जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद विवादित भूमि पर समस्या के निराकरण तक कॉरिडोर का काम स्थगित रख किसान हित विकास कार्य को जाएगा, विरोध से उत्पन्न गतिरोध खत्म हो गया है। दीपक साहू, निरतु, संजय यादव,जय कौशिक, दामोदर, कंवल सिंह, मोहपाल सिंह, शिवरतन सिंह कंवर, सम्मान सिंह,अजित सिंह कंवर, राय सिंह, सारण सिंह आदि सभी किसान और ग्रामीण भी उत्साहित हो उपस्थित रहे।