कोरबा, 4 फरवरी । मरवाही उपचुनाव में विजयपताका लहराने वाले प्रदेश के कद्दावर नेता राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को एक ओर महत्वपूर्ण जवाबदारी आलाकमान ने सौंपी है। इस बार उत्तराखंड के चुनावी रणभूमि में उन्हें स्टार प्रचारक के रूप में उतारा गया है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। स्टार प्रचारकों की इस लिस्ट में सूबे के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का नाम भी शामिल है। खास बात यह है कि स्टार प्रचारकों की सूची में प्रदेश कांग्रेस से दो नाम ही शामिल हैं। जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी उत्तराखंड चुनाव में स्टार प्रचारक होंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा सौंपी गई इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए जयसिंह अग्रवाल और रायपुर के पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की टीम के साथ व्यापक पैमाने पर प्रचार अभियान में लगे हुए हैं। सियासी चाणक्य के रूप में पहचान रखने वाले जयसिंह पहले भी चुनाव की चुनौतियों का बखूबी सामना कर चुके हैं। जहां भी उन्हें जिम्मेदारी दी गई उसे बखूली निभाते हुए पार्टी को जीत दिलाई है। यही वजह है कि पहले उन्हें उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 14 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों को विजय दिलाने का जिम्मा पर्यवेक्षक के रुप में सौंपा गया था। पार्टी ने स्टार प्रचारकों की सूची में भी जयसिंह को शामिल कर यह जता दिया है कि चुनाव में उनके दांवपेच में विरोधी किस कदर उलझ जाते हैं। इसी का परिणाम रहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के गढ़ मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की। इस जीत से मंत्री अग्रवाल का पद ऊंचा उठा। अब उनको पार्टी ने उत्तराखंड की जिम्मेदारी भी इस विश्वास के साथ सौंपी है कि अग्रवाल अपनी रणनीति के तहत काम करते हुए पार्टी को विजय दिलाकर राज्य में सत्ता हासिल करेगी।
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की खासियत ही है कि चुनौती जितनी बड़ी हो उसके अनुसार ही वे उसका सामना कर पार्टी को जीत दिला देते हैं। नगर पालिक निगम में पार्षदों की कम संख्या के बावजूद आज साकेत में कांग्रेस पार्टी का महापौर ही नहीं सभापति भी पर काबिज है। इसके अलावा निगम चुनाव में उनका ऐसा जादू चला था कि उनकी धर्मपत्नी रेणु अग्रवाल भी महापौर चुनी गई थी।
जिले में कांग्रेस को राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने मजबूत किया है। कोरबा से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। इस सीट को उन्होंने कांग्रेस का अभेद गढ़ बना दिया है। भाजपा पूरी दमदारी दिखाने के बाद भी इस सीट पर जीत दर्ज करने में नाकाम रही है। स्थिति यह है कि कोरबा से जयसिंह के मुकाबले किसी और पार्टी का नेता सूबे और देश की राजनीति में उनके आसपास भी नहीं दिखता।