जगदलपुर:- महंगाई बढ़ रही है लेकिन हमारा वेतन नहीं बढ़ रहा है. एक महीने में मात्र 2 हजार रुपये हमें मिल रहे हैं. न तो हम ठीक से राशन खरीद पाते हैं और न ही जीवन यापन ठीक से हो पा रहा है. ये दर्द है रसोइया संघ के कर्मियों का जो स्कूल में बच्चों को मिड डे मील बनाकर देते हैं. स्कूली बच्चों को तो ये पोषण आहार देते हैं लेकिन कम वेतन मिलने से ये खुद ठीक से जीवन का गुजारा नहीं कर पा रहे हैं. बीते तीन दिनों से पूरे छत्तीसगढ़ में रसोइया संघ ने सरकार से अपनी मांग पूरी करने को लेकर विरोध प्रदर्शन करते रहे.
तीन सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन: छत्तीसगढ़ रसोइया संघ के कर्मियों ने बस्तर में तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हल्ला बोला. संघ के रसोइयों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. उनकी पहली मांग है कि सरकार हमारी मानदेय की राशि में 50 फीसदी की वृद्धि करे. दूसरी मांग यह है कि जब स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या कम होती है तो हमें नौकरी से निकाल दिया जाता है. ऐसा न किया जाए. तीसरी मांग है कि 50 रुपये की रोजी से घर नहीं चल पाता है. इसलिए हमें कलेक्टर दर पर भुगतान दिया जाए.
सरकार हमारे बारे में सोचे”: रोसइयों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से हमें चावल मुफ्त में मिल रहा है. लेकिन चावल के अलावा हमें सब्जी, गैस सिलेंडर, तेल और मसालों की खरीदी करनी पड़ती है. ऐसे में मात्र 2 हजार रुपये महीने में कैसे घर चलाएं यह बहुत मुश्किल हो जाता है. हम बच्चों को ठीक से खाना नहीं खिला पाते हैं. स्कूल की पढ़ाई और अन्य खर्चे भी हैं. इस महंगाई के दौर में सरकार को हमारे बारे में सोचना चाहिए.
मांग पूरी नहीं होने पर होगा चक्काजाम: रसोइया संघ की उपाध्यक्ष प्रभा यादव ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें 15 अगस्त 2025 तक नहीं मांनी गई तो वे लोग चक्काजाम करने को मजबूर होंगे. हमने तीन दिन तक आंदोलन किया और सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने का काम किया. गुरुवार से हम काम पर लौट जाएंगे. इसके वावजूद अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो जगदलपुर के आमागुड़ा चौक में हम चक्का जाम करेंगे.