और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। एक ओर यूक्रेनी राष्ट्रपति ने जहां न झुकने की बात कह साफ कर दिया है कि वह अपने रुख पर अडिग है। वहीं रूस ने अपने एक आदेश में कहा है कि यूक्रेन की तरफ से बातचीत से इनकार कर दिया है, इसलिए उसकी सेना अब चारों ओर से यूक्रेन पर हमला करेगी।
वहीं रूसी न्यूज एजेंसी ने कहा कि रूसी सेना ने यूक्रेन के दक्षिणपूर्वी शहर मेलिटोपोल पर कब्जा कर लिया है। इसके साथ ही राजधानी कीव में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस बीच, फ्रांस की ओर से चेताया गया है कि दुनिया लंबी जंग के लिए तैयार रहे। यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया है कि रूस के हमले में 198 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 1000 से अधिक घायल हो गए हैं।
यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री विक्टर ल्याशको ने शनिवार को बताया कि मरने वालों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। इससे पहले, यूक्रेन ने कहा है कि उसने रूस के 3500 सैनिकों को मार गिराया है, जबकि 200 से अधिक को बंधक बना लिया है। इससे पहले खबर आई थी कि कीव में एक मिलिट्री यूनिट पर रूस की ओर से हमला कर दिया गया। वहीं, यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने की कोशिशें जारी हैं।
एक वीडियो संदेश में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने लोगों से कहा है कि यूक्रेनी सेना की घुटने टेकने से जुड़ी बातें महज अफवाह हैं। वे लोग आखिरी दम तक लड़ेंगे। वे मजबूती से रूस का मुकाबला कर रहे हैं।
उधर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत और चीन ने यूक्रेन पर हमले की निंदा की, पर सुरक्षा परिषद के वोट से परहेज कर दिया। यूक्रेन पर यूएनएससी मीटिंग में संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा- यूक्रेन में जो हुआ, भारत उससे बेहद परेशान है। आग्रह हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल खत्म कर सभी प्रयास किए हों। नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए अभी तक कोई भी समाधान नहीं निकाला गया है।
तिरुमूर्ति के बयान के मुताबिक, सभी सदस्य देशों को रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ने के लिए सिद्धांतों का सम्मान करने की जरूरत है। मतभेदों और विवादों को निपटाने के लिए संवाद ही एकमात्र उत्तर है। हालांकि इस समय ये कठिन लग सकता है। इस बात से खेद है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया है, पर हमें उस पर लौटना होगा। इन सभी कारणों से, भारत ने इस प्रस्ताव पर परहेज़ करने का विकल्प चुना है।