दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस के दो दिग्गज नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच ‘युद्ध विराम’ की कोशिशें एक बार फिर फेल हो गई हैं। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की दोनों नेताओं से मुलाकात के बाद सुलह का जो ऐलान दिल्ली में किया गया था वह राजस्थान की रेत में मिल गया है। सचिन पायलट ने बुधवार को पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए साफ कर दिया कि वह अपनी मांगों पर अडिग हैं। पायलट 15 दिन की मोहलत देते हुए पहले ही कह चुके हैं कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो पूरे राज्य में आंदोलन करेंगे। पायलट ने गहलोत के खिलाफ घमासान तेज होने के संकेत ऐसे समय पर दिए हैं, जब पीएम मोदी भी राजस्थान में चुनावी अभियान का आगाज करने पहुंचे थे
एक बार फिर अपनी मांगों को दोहराया। चेहरे पर मुस्कान के साथ बोलते हुए पायलट ने साफ संकेत दे दिए कि कांग्रेस पार्टी के लिए टेंशन बढ़ने वाली है। पायलट ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘कल नया महीना शुरू होगा, मैं फिर कह रहा हूं आपको मेरे नौजवान साथियों से जो मैंने सार्वजनिक रूप से वादा किया है, मेरे वादे हवाई बातें नहीं हैं। यह कोई ऐसी बात नहीं जिसे कोई गलत कह सकता है। कांग्रेस पार्टी हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ रही है और युवाओं के साथ रही है। उनको न्याय दिलाना और भाजपा सरकार में जो भ्रष्टाचार हुआ