दिग्गज राइटर-डायरेक्टर सागर सरहदी का सोमवार का निधन हो गया है. वो लंबे समय से बीमार थे. उनकी उम्र 88 साल की थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें हार्ट प्रॉब्लम की वजह से मुंबई के हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. बता दें कि सागर सरहदी, अमिताभ बच्चन की फिल्म कभी कभी का स्क्रीनप्ले और डायलॉग लिख चुके हैं. पांचवें दशक की शुरुआत में ही इप्टा से नाट्य लेखक निर्देशक के रूप में जुड़े सागर सरहदी ने फ़िल्म जगत में कभी कभी के अलावा सिलसिला,चांदनी,फासले,अनुभव,जैसी सफल फिल्मों के लेखक के रूप में ख्याति पाई। बाज़ार फ़िल्म के लेखन और निर्देशन के साथ उन्होंने यथार्थवादी फ़िल्म परम्परा को समृद्ध किया।
मार्क्सवादी विचार से लैस सागर सरहदी ने कभी समझौते नही किये।उन्होंने अनेक कहानियां लिखीं और भगत सिंह, अशफाकउल्ला पर उनके नाटकों का इप्टा ने कई बार सफलतापूर्वक मंचन किया।राज दरबार उनका एक और चर्चित नाटक है।इप्टा सम्मेलनों और लखनऊ और मुम्बई में उनसे कई बार उनसे लंबी चर्चाएं हुईं।
बॉलीवुड एक्टर जैकी श्रॉफ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने इंस्टाग्राम पर सागर सरहदी की फोटो शेयर करते हुए लिखा- आप याद आओगे.R.I.P. डायरेक्टर हंसल मेहता ने भी शोक व्यक्त किया है. हंसल मेहता ने लिखा- रेस्ट इन पीस सागर सरहदी साहब ।
सागर की बात करें तो उर्दू प्ले राइटर के रूप में उनका काम आज भी लोगों के जहन में जिंदा है. उन्होंने फिल्म नूरी, बाजार, अमिताभ बच्चन की फिल्म कभी कभी, अमिताभ, शशि कपूर, जया बच्चन,रेखा की फिल्म सिलसिला, चांदनी, दीवाना और कहो ना प्यार है, फारुख शेख और दिप्ति नवल की रंग जैसी फिल्में लिखी हैं. उन्हें पहचान यश चोपड़ा की फिल्म कभी कभी से पहचान मिली थी. यहां तक कि उन्हें बेस्ट डायलॉग के लिए उन्हें फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था. कभी कभी में अमिताभ के अलावा शशि कपूर, राखी, वहिदा रहमान, ऋषि कपूर और नीतू कपूर लीड रोल में थे. इस फिल्म को काफी पसंद किया गया था. ऋषि और नीतू की जोड़ी भी बेहद हिट हुई थी.
बता दें कि सागर का असली नाम गंगा सागर तलवार है. उनका जन्म Abbottabad (तब ब्रिटिश इंडिया और अब पाकिस्तान) में 11 मई 1933 हुआ था.
अमिताभ की ‘कभी-कभी’ लिखने वाले सागर सरहदी ने दुनिया को कहा अलविदा
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