नई दिल्ली:– भारत में करोड़ों लोगों ने अपनी कमाई को सुरक्षित भविष्य और अच्छे मुनाफे की उम्मीद में सहारा ग्रुप की विभिन्न योजनाओं में लगाया था. गांव, कस्बों और छोटे शहरों तक फैले एजेंट्स ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि उनका पैसा सुरक्षित है और समय पर उन्हें अच्छा रिटर्न मिलेगा. यही वजह रही कि उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के लाखों परिवारों ने अपनी मेहनत की कमाई सहारा में जमा कर दी.
लेकिन समय के साथ सहारा ग्रुप विवादों में घिर गया और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. साल 2012 में कोर्ट ने सहारा की कंपनियों को आदेश दिया कि वे निवेशकों का पैसा वापस करें. तब से लेकर अब तक निवेशकों को पैसे लौटाने की प्रक्रिया सुस्त रफ्तार से चल रही है. करोड़ों निवेशकों की उम्मीदें कई बार टूटीं, लेकिन अब एक बार फिर सहारा की संपत्तियों की बिक्री की खबर से उन्हें राहत की किरण नजर आ रही है.
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी
सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है. इसमें मांग की गई है कि सहारा की 88 से ज्यादा संपत्तियों को Adani Properties Pvt. Ltd. को एकमुश्त बेचने की अनुमति दी जाए.
अगर कोर्ट इस प्रस्ताव पर सहमति जताता है, तो इन संपत्तियों की बिक्री से जुटी रकम का इस्तेमाल निवेशकों को रिफंड देने में किया जाएगा.
निवेशकों के पैसे कितने फंसे हैं?
केंद्र सरकार ने 2022 में जानकारी दी थी कि सहारा की कंपनियों में करीब 13 करोड़ निवेशकों का पैसा फंसा है. यह राशि 1.12 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है.
SEBI-सहारा एस्क्रो अकाउंट में अभी लगभग 26,250 करोड़ रुपये जमा हैं.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले दो साल में सहारा निवेशकों को ₹5,053 करोड़ लौटाए जा चुके हैं.
जिन निवेशकों ने Sahara Cooperative Societies में पैसा जमा किया था, उन्हें प्राथमिकता पर रिफंड दिया गया है.
कौन-कौन सी सहारा संपत्तियां बिकेंगी?
सहारा ग्रुप की जिन बड़ी संपत्तियों की बिक्री की चर्चा है, उनमें शामिल हैं:
पुणे (8,810 एकड़ में फैला टाउनशिप प्रोजेक्ट
Hotel Sahara Star, मुंबई एयरपोर्ट के पास
Sahara City, लखनऊ
Sahara Ganj Mall, लखनऊ
इसके अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड में कई बड़ी जमीनें और प्रॉपर्टीज।