कोरबा/राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति के सहयोग से विशेष मध्यस्थता अभियान "राष्ट्र के लिये मध्यस्थता'' अंतर्गत एस. शर्मा, प्रधान जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा, की अध्यक्षता में न्यायाधीशों के साथ ली गई द्वितीय बैठक 10.जुलाई 2025 को जिला न्यायालय, के विडियो कान्फ्रेसिंग कक्ष में 10:30 बजे आयोजित किया गया। प्रधान जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष महोदय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा द्वारा कहा गया कि मध्यस्थता के लिए मामलों की श्रेणियों में वैवाहिक विवाद, दुर्घटना दावे, घरेलु हिंसा, चेक बाउंस मामले, वाणिज्यिक विवाद, सेवा विवाद के मामले, आपराधिक समझौता योग्य मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली मामले, विभाजन और बेदखली मामले, भूमि अधिग्रहण मामले आदि शामिल है। मध्यस्थता एक विवाद समाधान की सहज, त्वरित और विश्वासपूर्ण प्रक्रिया है । और यह न्यायालय से बाहर समाधान के प्रति जन जागरूकता हेतु एक प्रयास है। मध्यस्थता से लंबित मामलों की संख्या में कमी लाई जा सकती है और पक्षकारों को संतोषजनक समाधान प्राप्त हो सकता है।
उक्त बैठक में मध्यस्थता केन्द्रों की भूमिका, प्रक्रिया और मामलों की पहचान से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा- निर्देश दिए गये। प्रधान जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा द्वारा समस्त न्यायाधीशों को अधिक से अधिक प्रकरणों को चिंहाकित कर मध्यस्थता हेतु रिफर करने निर्देशित किया गया। तथा इस अभियान का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कर आमजनों तक सूचना पहुंचाने के संबंध में भी निर्देशित किया गया। उक्त बैठक में जिला न्यायालय कोरबा में पदस्थ समस्त न्यायाधीशगण एवं सचिव,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा उपस्थित रहे।
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