नई दिल्ली:– Fixed Deposit पर मिलने वाले ब्याज दर हमेशा निवेशकों के लिए एक अहम फैसला होती हैं. खासकर वरिष्ठ नागरिक जो अपने निवेश से अच्छे रिटर्न की उम्मीद करते हैं, उनके लिए सही बैंक चुनना बेहद जरूरी होता है. 2025 में कई बड़े बैंक वरिष्ठ नागरिकों को 7% से ऊपर की अच्छी ब्याज दरें दे रहे हैं, जिससे निवेश और भी लाभकारी बन गया है. आइए जानते हैं किन बैंकों में आप सावधि जमा कर सबसे ज्यादा ब्याज कमा सकते हैं.
निजी बैंकों में FD की ब्याज दरें
सबसे पहले बात करते हैं निजी बैंकों की तो एचडीएफसी बैंक, वरिष्ठ नागरिकों को 18 से 21 महीने की अवधि वाली FD पर 7.1% तक ब्याज देता है, जबकि सामान्य ग्राहकों को 6.6% मिलता है. यह नई दरें 25 जून 2025 से लागू हुई हैं. इसी तरह, ICICI बैंक 2 से 10 साल के लिए सावधि जमा पर वरिष्ठ नागरिकों को 7.1% ब्याज दे रहा है, जो सामान्य लोगों के लिए 6.6% है.
कोटक महिंद्रा बैंक भी 23 महीने की अवधि वाली FD पर वरिष्ठ नागरिकों को 7.1% और अन्य ग्राहकों को 6.6% ब्याज देता है. ये दरें 20 अगस्त से लागू हुई हैं. फेडरल बैंक ने भी 999 दिन की FD पर वरिष्ठ नागरिकों को 7.2% ब्याज देने का ऑफर दिया है, जो कि बाकी निजी बैंकों से थोड़ा बेहतर है.
सरकारी बैंकों की FD दरें
सरकारी बैंकों की बात करें तो, भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 2 से 3 साल की FD पर वरिष्ठ नागरिकों को 6.95% और सामान्य लोगों को 6.45% ब्याज देने की घोषणा की है. यह दरें 15 जुलाई 2025 से लागू हैं. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया वरिष्ठ नागरिकों को 3 साल की FD पर 6.6% ब्याज देता है, जबकि सामान्य ग्राहकों को इससे कुछ कम, 6.1% मिलता है. पंजाब नेशनल बैंक 390 दिनों की अवधि पर 7.10% ब्याज दे रहा है, जो वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक अच्छी दर है. केनरा बैंक 444 दिनों की FD पर वरिष्ठ नागरिकों को 7% और सामान्य ग्राहकों को 6.5% तक ब्याज देता है. यह नई दरें 7 अगस्त 2025 से लागू हैं.
FD पर ब्याज दरें क्यों महत्वपूर्ण हैं?
ब्याज दरें यह तय करती हैं कि आपका पैसा कितनी तेजी से बढ़ेगा. खासकर वृद्ध लोगों के लिए, जो अपनी बचत से सुरक्षित और अच्छा रिटर्न चाहते हैं, FD एक भरोसेमंद विकल्प है. इसलिए, सही बैंक चुनकर उच्च ब्याज दर पर सावधि जमा करना जरूरी होता है.
वरिष्ठ नागरिकों को क्यों ज्यादा ब्याज मिलता है?
सरकारी नियमों के अनुसार, वरिष्ठ नागरिकों 60 वर्ष और ऊपर को सावधि जमा पर अतिरिक्त ब्याज देने का प्रावधान है. इससे उनकी बचत सुरक्षित रहने के साथ-साथ बढ़ती भी है, जिससे उनकी मासिक आमदनी में मदद मिलती है।