भोपाल, 06 फरवरी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महान गायिका और भारत रत्न लता मंगेश्कर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके अवसान को पीड़ादायक बताया है।
श्री चौहान ने अपने शोक संदेश में उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे अद्वितीय और अनोखी थीं। उनसे अनंतकाल तक कला साधक प्रेरित होते रहेंगे। मध्यप्रदेश के इंदौर में जन्मी सुश्री लता मंगेश्कर ने पार्श्व गायन के क्षेत्र में सबसे लंबी अवधि तक गायन का रिकार्ड बनाया। अनेक भाषाओं को उन्होंने स्वर दिए। करोड़ों संगीत प्रेमियों के जीवन को सुंदर बनाया। वे विश्व स्तरीय गायिका थीं। भारत ही नहीं, अनेक राष्ट्र उनके अवसान पर दुखी हैं और उनके योगदान का स्मरण कर रहे हैं। वे गायिका ही नहीं, वरन इतिहास में दर्ज एक विशेष अध्याय की तरह हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे उत्तराखंड के प्रवास पर हैं और वहीं पर उन्हें स्वर साम्राज्ञी परम श्रद्धेय लता मंगेशकर के निधन का पीड़ादायक समाचार मिला। इस सूचना से उनका अन्तर्मन व्यथित हो गया। उन्होंने कहा कि देश ही नहीं, समूचे विश्व ने एक ऐसी स्वर साधिका को खो दिया, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज से जीवन में आनंद घोलने वाले असंख्य गीत दिए। लता दीदी का तपस्वी जीवन स्वर साधना का अप्रतिम अध्याय है।
श्री चौहान ने कहा कि गीत-संगीत के प्रति समर्पण से परिष्कृत लता जी का व्यक्तित्व शालीनता, सौम्यता और आत्मीयता की त्रिवेणी रहा है, जो कला साधकों को अनंतकाल तक प्रेरित करता रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। श्री चौहान ने कहा कि अपनी सुमधुर अमर आवाज से लता दीदी सदैव हम सभी के बीच रहेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लता जी की जिन्दगी हिंदी सिनेमा, मराठी सिनेमा जगत के साथ ही अन्य भारतीय भाषाओं और संगीत की ऐसी अद्भुत यात्रा रही है, जिसने कई पीढ़ियों को मानवीय संवेदनाओं को जीवंत करते गीत-संगीत से जोड़ने का कार्य किया। भारतीय सिने जगत के उद्भव से अत्याधुनिक युग तक ‘लता दीदी’ सहयोगी से संरक्षक की भूमिका में रहीं। सुश्री मंगेशकर का योगदान अविस्मरणीय रहेगा।
