बेंगलुरु:- कर्नाटक के सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना ने गुरुवार को कहा कि सितंबर के बाद राज्य की राजनीति में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे. बेंगलुरु में पत्रकारों से बात करते हुए राजन्ना ने कहा, “अभी मौसम बहुत ठंडा है. सितंबर खत्म होने दीजिए. आप (राज्य की राजनीति में) बदलाव देखेंगे.”
राजन्ना का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस हलकों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अक्टूबर में अपने ढाई साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के लिए सीएम कुर्सी खाली कर देंगे.
सिद्धारमैया के कट्टर समर्थक माने जाने वाले राजन्ना ने यह भी कहा कि कर्नाटक कांग्रेस में कई सत्ता केंद्रों के कारण मुख्यमंत्री प्रशासन चलाने के लिए पूरी स्वतंत्रता नहीं मिल पा रही है.
राजन्ना ने कहा, “सरकार में अब अधिक शक्ति केंद्र हैं, जबकि 2013 और 2018 के बीच सिद्धारमैया ही एकमात्र शक्ति केंद्र थे. जब अधिक शक्ति केंद्र होंगे, तो स्वाभाविक रूप से अधिक समस्याएं और भ्रम होंगे. इसलिए सीएम को उसी के अनुसार काम करना होगा. लेकिन 2013-18 के दौरान ऐसा नहीं था.”
कर्नाटक के मंत्री राजन्ना ने कहा, “मीडिया या कांग्रेस विधायक ही नहीं, बल्कि लोग भी इस बदलाव को महसूस कर रहे हैं. मैंने लोगों को यह कहते सुना है कि सिद्धारमैया की कार्यशैली उनके पिछले कार्यकाल जैसी नहीं है.”
सीएम कुर्सी साझा करने का समझौता
कहा जा रहा है कि 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के तुरंत बाद कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सीएम कुर्सी साझा करने को लेकर समझौता कराया था. जिसके मुताबिक दोनों नेता 30-30 महीने के लिए सीएम पद साझा करेंगे. सिद्धारमैया नवंबर में अपने कार्यकाल के ढाई साल पूरे करेंगे, इसलिए अगले कुछ महीनों में कर्नाटक की राजनीति में बदलाव की उम्मीद की जा रही है.