नई दिल्ली:– सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पंजाब सरकार एक्शन मोड में आ गई है। पराली जलाने की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए पिछले 5 दिनों में 48 मामले सामने आने के बाद 12 किसानों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। यह इस सीजन की पहली बड़ी कानूनी कार्रवाई है, जिसने किसानों और प्रशासन के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति पैदा कर दी है। दिल्ली-एनसीआर में हर साल जानलेवा बनने वाले प्रदूषण को लेकर शीर्ष अदालत ने साफ कर दिया है कि किसानों को पर्यावरण खराब करने की छूट नहीं दी जा सकती।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, 15 सितंबर से निगरानी शुरू होने के बाद अमृतसर में सबसे ज्यादा 32 मामले सामने आए हैं। दर्ज की गई 12 FIR में से 11 अकेले अमृतसर जिले में हैं। यह कार्रवाई भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत की गई है, हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इतना ही नहीं, प्रशासन ने 13 किसानों के जमीन रिकॉर्ड में ‘रेड एंट्री’ भी दर्ज की है, जिससे वे न तो जमीन बेच पाएंगे और न ही उस पर लोन ले सकेंगे।
सरकार ने समस्या से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर तैयारी की है। पिछले तीन सालों के आंकड़ों के आधार पर 8 जिलों के 663 गांवों को हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है। इन गांवों में पराली जलाने की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। इन पर नजर रखने के लिए लगभग 8,000 कर्मियों का एक विशेष ‘पराली सुरक्षा बल’ बनाया गया है। इसमें नोडल अधिकारी, क्लस्टर समन्वयक और क्षेत्रीय अधिकारी शामिल हैं, जो 11,000 से ज्यादा गांवों में तैनात रहकर रोजाना रिपोर्ट देंगे और पराली प्रबंधन के लिए किसानों को जागरूक भी करेंगे। अधिकारियों को डर है कि हालिया बारिश से कटाई में हुई देरी के कारण आने वाले हफ्तों में मामले बढ़ सकते हैं।
कार्रवाई पर भड़के किसान, जानें क्या है उनकी मांग
हालांकि, सरकार की इस सख्ती का किसान संगठनों ने कड़ा विरोध किया है। बीकेयू डकौंडा के महासचिव जगमोहन सिंह ने FIR और ‘रेड एंट्री’ की निंदा करते हुए कहा कि सरकार छोटे और सीमांत किसानों को दंडित कर रही है। उन्होंने मांग की कि कार्रवाई करने से पहले सरकार सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को लागू करे जिसमें पराली प्रबंधन के लिए किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल की आर्थिक सहायता देने की बात कही गई थी। उनका कहना है कि बिना वित्तीय मदद दिए किसानों पर कार्रवाई करना अन्याय है। सरकार ने अब तक 1.10 लाख रुपये का पर्यावरण जुर्माना भी लगाया है।