मध्यप्रदेश:– दीवाली के बाद कई बड़े शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा को पार कर जाता है. इससे खासतौर पर बुज़ुर्ग, बच्चे और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे समय में शरीर, खासकर फेफड़ों की देखभाल करना बेहद जरूरी हो जाता है. यहां कुछ प्रभावशाली हर्ब्स जड़ी-बूटियाँ के बारे में बताया गया है जिन्हें आप अपनी डाइट या दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं. ये फेफड़ों को डिटॉक्स करने, खांसी, जुकाम और कंजेशन को कम करने में मदद करती हैं.
मुलैठी
गुण: एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट.
फायदे: गले की खराश, खांसी और ब्रोंकाइटिस में राहत देता है.
उपयोग: मुलैठी की चाय या पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर लें.
अदरक
गुण: नेचुरल डीकंजेस्टेंट और एंटीवायरल.
फायदे: बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है, सूजन कम करता है.
उपयोग: अदरक की चाय, काढ़ा या शहद के साथ सेवन करें.
तुलसी
गुण: इम्युनिटी बूस्टर और एंटीबैक्टीरियल.
फायदे: सांस लेने में आसानी करता है, खांसी और कफ से राहत दिलाता है.
उपयोग: तुलसी की पत्तियों का काढ़ा या चाय पिएं.
अश्वगंधा
गुण: एडेप्टोजेनिक और स्ट्रेस रिलीवर.
फायदे: इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, शरीर की ताकत बढ़ाता है.
उपयोग: पाउडर या कैप्सूल फॉर्म में डॉक्टर की सलाह से लें.
हल्दी
गुण: एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट.
फायदे: फेफड़ों की सूजन कम करता है, संक्रमण से बचाव करता है.
उपयोग: हल्दी वाला दूध या हल्दी और शहद का मिश्रण लें.
काली मिर्च
गुण: बलगम को पतला करता है, एंटीबैक्टीरियल.
फायदे: जुकाम और गले में खराश से राहत देता है.
उपयोग: चाय या काढ़े में मिलाकर सेवन करें.
अतिरिक्त सुझाव
पानी खूब पिएं, हाइड्रेशन बलगम को पतला करता है.
घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें.
सुबह-सुबह बाहर जाने से बचें, जब AQI सबसे ज़्यादा खराब होता है.
N95 मास्क का प्रयोग करें.
भाप लेने से बलगम और कंजेशन में राहत मिलती है।