नई दिल्ली:– भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना देश के करोड़ों छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई है। इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर वर्ष ₹6,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जो तीन किस्तों में — प्रत्येक ₹2,000 की राशि के रूप में सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है। यह योजना किसानों को खेती-बाड़ी के बढ़ते खर्चों से कुछ हद तक राहत देती है और ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करती है।
योजना की शुरुआत और लाभार्थियों की संख्या
इस योजना की शुरुआत दिसंबर 2018 में की गई थी, और तब से अब तक इसने 9.7 करोड़ से अधिक किसान परिवारों तक अपनी पहुँच बनाई है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली है, जिसके माध्यम से सहायता राशि बिना किसी बिचौलिये के सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंचती है। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है, बल्कि पूरी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनी है।
ग्रामीण भारत में यह योजना किसानों के आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाला एक बड़ा कदम माना जाता है।
21वीं किस्त की संभावित घोषणा
अब तक सरकार द्वारा 20 किश्तें किसानों के खातों में जारी की जा चुकी हैं। कृषि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, 21वीं किस्त की घोषणा अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच किसी भी समय हो सकती है। हालांकि, सटीक तारीख का निर्धारण केंद्र सरकार की आधिकारिक अधिसूचना के बाद ही होगा। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से pmkisan.gov.in पोर्टल पर जाकर अपडेट्स की जांच करें ताकि किसी भी महत्वपूर्ण सूचना से वंचित न रहें।
पात्रता शर्तें और आवश्यक दस्तावेज
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पाने के लिए कुछ निर्धारित पात्रता मानदंड पूरे करने आवश्यक हैं —
किसान के नाम अधिकतम दो हेक्टेयर तक की कृषि भूमि होनी चाहिए।
एक परिवार (पति, पत्नी और अवयस्क बच्चे) से केवल एक सदस्य को ही लाभ दिया जाता है।
आवेदन के समय किसान के पास आधार कार्ड, भूमि स्वामित्व का प्रमाणपत्र, और बैंक खाता विवरण होना अनिवार्य है।
साथ ही, सभी दस्तावेज सही और अपडेटेड होने चाहिए ताकि आवेदन प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी या अस्वीकृति न हो।
ऑनलाइन आवेदन और eKYC प्रक्रिया
जो किसान योजना में शामिल होना चाहते हैं, वे स्वयं ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए:
PM-KISAN की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाएँ।
“नया किसान पंजीकरण पर क्लिक करें।
आवश्यक विवरण भरें और दस्तावेज अपलोड करें।
आवेदन के बाद किसान का नाम लाभार्थी सूची में जुड़ जाता है।
इसके अलावा, किसान मोबाइल ऐप या अपने नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से भी पंजीकरण करा सकते हैं।
ध्यान रहे — eKYC पूर्ण करना आवश्यक है, क्योंकि इसके बिना किस्त राशि जारी नहीं की जाती।
किस्त की स्थिति कैसे जांचें
किसान अपनी किस्त का विवरण ऑनलाइन आसानी से देख सकते हैं। इसके लिए उन्हें:
आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर “लाभार्थी स्थिति विकल्प चुनना होगा।
अपना आधार नंबर या पंजीकरण संख्या डालनी होगी।
OTP सत्यापन के बाद पिछले और आगामी किश्तों की पूरी जानकारी स्क्रीन पर मिल जाती है।
यह सुविधा किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी है क्योंकि इससे उन्हें बैंक या कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
किस्त न आने पर क्या करें?
कभी-कभी कुछ लाभार्थियों को समय पर राशि प्राप्त नहीं होती। इसके पीछे कारण हो सकते हैं —
eKYC अधूरी रहना,
बैंक खाते में त्रुटि या आधार से लिंक न होना,
तकनीकी समस्या या गलत विवरण भरना।
ऐसी स्थिति में किसान अपने निकटतम CSC केंद्र या बैंक शाखा में जाकर सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
साथ ही, केंद्र सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं —
📞 155261 / 1800-115-552, जहां से वे शिकायत दर्ज करवा सकते हैं या समाधान पा सकते हैं।
योजना का ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
PM-KISAN योजना ने किसानों के जीवन स्तर में ठोस सुधार किया है। कई किसानों ने इस राशि का उपयोग बीज, खाद, और सिंचाई उपकरण खरीदने में किया है, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ी है।
इससे कृषि ऋण पर निर्भरता कम हुई है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली है।
डिजिटल इंडिया के तहत, सरकार इस योजना को और अधिक स्मार्ट, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने पर लगातार काम कर रही है।
किसानों के लिए उपयोगी सुझाव
सरकार की मंशा केवल सहायता राशि देना नहीं है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे इस धनराशि का सदुपयोग करें —
खेती के आधुनिक उपकरणों में निवेश करें,
जैविक खेती और टिकाऊ तरीकों को अपनाएं,
फसल बीमा योजनाओं और सरकारी प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लें।
इससे न केवल फसल उत्पादन बढ़ेगा बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।