मध्यप्रदेश:– ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन, भावनाओं और मानसिक स्थिति का मुख्य कारक माना जाता है. यह ग्रह सीधे हमारे मन को प्रभावित करता है और व्यक्ति की भावनात्मक स्थिरता, संवेदनशीलता और सोचने की क्षमता से जुड़ा होता है. जैसे सूर्य आत्मा का प्रतीक है, वैसे ही चंद्रमा मन का अधिपति है. चंद्रमा जल तत्व का ग्रह होने की वजह से यह मानसिक तरंगों और भावनाओं को नियंत्रित करता है. इसीलिए कुंडली में चंद्रमा की स्थिति से व्यक्ति के मन की शांतिपूर्ण या चंचल प्रकृति का पता चलता है.
चंद्रमा का मानसिक और भावनात्मक प्रभाव
चंद्रमा की स्थिति जितनी शुभ होती है, व्यक्ति उतना ही शांत और संतुलित रहता है. एक अच्छा चंद्रमा व्यक्ति को कल्पनाशील, दयालु और संवेदनशील बनाता है. वहीं कमजोर या अशुभ चंद्रमा मानसिक अस्थिरता, चिंता, डर और अवसाद जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है. ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को माता, घर, यात्रा और धन का भी प्रतीक माना जाता है. यह व्यक्ति के अतीत और वर्तमान भावनात्मक अनुभवों को भी दर्शाता है.
खराब चंद्रमा से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें
शारीरिक दृष्टि से भी चंद्रमा का संबंध बाईं आँख, छाती और रक्त प्रवाह से होता है. खराब चंद्रमा से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें, खासकर मानसिक तनाव और नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए ज्योतिष में चंद्रमा की पूजा व ध्यान को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है, ताकि मन को संतुलित कर जीवन में सुख-शांति बनी रहे।