पत्थलगांव। पत्थलगांव के लिऐ विडंबना ऐसी कि यहां के वन आमला के पास न तो जलाऊ लकड़ी है और नही मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी, जिससे लकड़ी लेने यहां आने वाले मृतकों के परिजन सहित रिश्तेदार परेशान हो रहे हैं। और यहां के अधिकारी इस मामले से अनजान बने बैठे है।
यहां जीते जी तो आदमी परेशान है ही, कुछ लोगों को मौत के बाद भी इसका सामना करना पड़ रहा है। यहां मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी तक नसीब नहीं हो पा रही है। कारण यह है कि यहाँ के विभाग में जलाऊ लकड़ी उपलब्ध नहीं है। इसलिए लोगों को अंतिम संस्कार के लिए जहां-तहां से लकड़ी का जुगाड़ करना पड़ रहा है। लोग करें भी तो क्या करें अंतिम संस्कार के लिए मृतकों के परिजन जैसे ही विभाग की ओर रुख कर जाते है वैसे ही वहां मौजूद कर्मचारियों द्वारा लकड़ी न होने की बात कह दी जाती है। मृतक के परिजन एक तो ऐसे ही परेशानी में रहते है ऊपर से उन्हें लकड़ी व्यवस्था की चिंता सताने लगती है कि लकड़ी कहां से व्यवस्था करें। और विभाग को कोसते वहां से निकल जाते है। उसके पश्चात अन्यत्र स्थानों से अग्नि संस्कार के लिए लकड़ी महंगे दामो में खरीदी जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लकड़ी की कमी की समस्या से कई बार वन विभाग के अधिकारियों को अवगत भी कराया गया, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हो पाया है। आए दिन यहां लोगों की मौत होती है। मौत के बाद परिजनों के सामने अंतिम संस्कार की समस्या खड़ी हो जाती है, क्योंकि यहां वन विभाग के डिपो में जलाऊ लकड़ी नहीं है। इससे लोगों को अंतिम संस्कार की लकड़ी के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि अभी कई महीनों से यहां अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी नहीं मिल पा रही है, जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।