1 फरवरी को निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करने जा रही हैं. सरकार का फोकस रोजगार पैदा करने वाली योजनाओं पर हो सकता है. इस बार सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं करेगी, क्योंकि लोकसभा के चुनाव होने हैं. पिछले चुनाव की तरह इस बार भी सरकार आम जनता को सीधा लाभ पहुंचाने वाले योजनाओं को शुरू कर सकती है. बात जब रोजगार की होती है तो भारत सरकार द्वारा शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना पर आकर टिक जाती है. आइए उस योजना के बारे में जानते हैं, जिसको लेकर आम लोग उम्मीद कर रहे हैं कि लोगों को रोजगार के नए मौके मिल सकते हैं.
क्या है योजना?आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का उद्दीपन करने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान नौकरियों को बढ़ावा देने के लिए इस योजना की शुरुआत की है. इस योजना के अंतर्गत, ईपीएफओ (एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन) के माध्यम से कर्मचारियों को 24% की वेतन सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इसका लक्ष्य है कि दो वर्षों में 10 लाख नौकरियां पैदा की जाएं
ये है नियमसरकार ने इस योजना के लिए लगभग 6000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है. इसके तहत, अब तक लगभग 5 लाख से अधिक कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं. इन कंपनियों के माध्यम से, कर्मचारियों को लगभग 10 लाख नौकरियां प्रदान करने का लक्ष्य है. यह योजना लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करके उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है, विशेषकर लॉकडाउन के पश्चात्. यह स्वाभाविक रूप से आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ मिलकर देश को आर्थिक संकट के माध्यम से बाहर निकालने की कोशिश कर रही है