रायपुर:- छत्तीसगढ़ के दुर्ग से 2 कैथोलिक नन की गिरफ्तारी का मुद्दा अब दिल्ली तक पहुंच गया है. दरअसल दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो कैथोलिक नन और एक युवक पर धर्मांतरण के आरोप लगाते हुए बजरंग दल ने हंगामा किया था. इसके बाद 2 नन की गिरफ्तारी हुई इस पर अब लोक लेखा समिति के अध्यक्ष और सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखा है. कड़ी आपत्ति दर्ज जताते हुए इसे “गैरकानूनी हिरासत” बताया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
वेणुगोपाल ने क्या कहा: पत्र में लिखा गया है कि, 25 जुलाई को दुर्ग स्टेशन पर सिरो-मालाबार चर्च की सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति तीन युवतियों के साथ वैध रोजगार के लिए यात्रा कर रही थीं. इन युवतियों को उनके माता-पिता की सहमति प्राप्त थी. इसके बावजूद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया और धर्मांतरण एवं मानव तस्करी जैसे झूठे आरोप लगाते हुए गैरकानूनी तरीके से रोका.
राजनीतिक दबाव के आरोप: वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक तंत्र पर राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस ने पीड़ितों को हिरासत में रखा. जबकि उनके पास सभी आवश्यक दस्तावेज मौजूद थे. यदि इस घटना में शामिल तत्वों पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह राज्य में कानून के शासन और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करेगा.
जानिए क्या है पूरा मामला: दरअसल, 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर धर्मांतरण और मानव तस्करी को लेकर हंगामा हुआ. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने 2 नन सिस्टर, एक युवक और 3 आदिवासी युवतियों को घेरकर रोक लिया. इनका आरोप था कि युवतियों को बहला-फुसलाकर उत्तर प्रदेश के आगरा ले जाया जा रहा था, जहां उनके धर्मांतरण की योजना थी. बजरंग दल के हंगामे के बाद दो नन और एक युवक को जीआरपी ने गिरफ्तार किया था.
सोमवार को इसी मुद्दे पर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन भी हुआ है. इस पर राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर बीजेपी और RSS को घेरा है. ऐसे में अब सांसद वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने की भी मांग कर दी है. केसी वेणुगोपाल लोक लेखा समिति के चेयरमैन हैं. यह समिति भारतीय संसद की एक महत्वपूर्ण समिति है.