नई दिल्ली:- संसद सदस्यों को अब अपने आधिकारिक आवासों के नवीनीकरण के लिए ज्यादा पैसे मिलेंगे, क्योंकि हाल ही में एक हाउस पैनल ने ऐसे कामों के लिए फंड में 230 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी की है. बढ़ी हुई सीमा 1.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये होगी, जिसको व्यापक रूप से एक बहुत जरूरी बढ़ोतरी के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि सांसद अपने आधिकारिक आवासों, जैसे कि दफ़्तर और गेस्ट रूम में बदलाव या अतिरिक्त निर्माण करते रहते हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक साउथ और नॉर्थ एवेन्यू में बंगलों और अपार्टमेंट में रहने वाले सांसदों को पुरानी बिल्डिंग में मरम्मत की बढ़ती लागत का सामना करना पड़ रहा है. लोकसभा सचिवालय के एक सर्कुलर में कहा गया है, “सदस्यों को सूचित किया जाता है कि सांसदों के आवासों में अतिरिक्त निर्माण/परिवर्तन के लिए वित्तीय सीमा को आवास समिति द्वारा 1,50,000 रुपये से बढ़ाकर 5,00,000 तक कर दिया गया है.
सांसदों का CPWD से अनुरोध
बता दें कि सदन समिति नई दिल्ली में सांसदों के आवास से संबंधित सभी मुद्दों को संभालती है.
अधिकारियों के अनुसार कई सांसदों ने केंद्र सरकार की निर्माण शाखा CPWD से अनुरोध किया है कि वह उनके आवासों में अतिरिक्त निर्माण और परिवर्तन की सुविधा प्रदान करे. NMDC क्षेत्र में सरकारी परिसरों के निर्माण कार्य के लिए सीपीडब्ल्यूडी एकमात्र अधिकृत एजेंसी है.
सर्कुलर में कहा गया है, “सदस्यों को सूचित किया जाता है कि सीपीडब्ल्यूडी को लोकसभा सचिवालय को प्रस्तुत अनुमानों की समीक्षा करने के लिए कहा गया है, ताकि सांसदों के फ्लैटों/बंगलों में अलटरेशन/परिवर्तन के लिए प्रासंगिक दिशानिर्देशों/नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके.”
सांसदों के बंगलों के जीर्णोद्धार 193 करोड़ रुपये खर्च
बता दें कि दिसंबर 2019 में तत्कालीन आवास विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद को सूचित किया था कि सरकार ने लुटियंस क्षेत्र में सांसदों के बंगलों के जीर्णोद्धार और मरम्मत के लिए पांच वर्षों में 193 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
पुरी ने सदन को यह भी बताया था कि सरकार ने मरम्मत के लिए खर्च पर कोई सीमा नहीं लगाई है.
लुटियंस के बंगले हेरिटेज बिल्डिंग्स हैं, जबकि नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में कुछ पुराने फ्लैटों को ध्वस्त करके नॉर्थ एवेन्यू में सांसदों के लिए आधुनिक डुप्लेक्स बंगले बनाए थे.