रायपुर:- राजधानी में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग द्वारा शहर में पुराने बिजली मीटरों को बदलकर नए डिजिटल मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में गंभीर लापरवाहियां सामने आ रही हैं। दरअसल, मीटर बदलने की जिम्मेदारी जिस अनुबंधित एजेंसी को सौंपी गई है, वह पुराने मीटर की अंतिम रीडिंग को समय पर अपडेट नहीं कर रही है। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है, क्योंकि बिजली विभाग के कर्मचारी ऐसे मामलों में अनुमानित (अंदाजे पर आधारित) बिल बनाकर उपभोक्ताओं को भेज रहे हैं।
वहीं जब अगली बार वास्तविक रीडिंग के आधार पर बिल जनरेट किया जाता है, तो उसमें करीब 50 से 55 दिन की खपत जोड़ दी जाती है। इससे उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक की हाफ बिजली बिल योजना का लाभ नहीं मिल पाता और उन्हें दो महीने का संयुक्त बिल थमा दिया जाता है, जिसकी राशि 1,500 से 2,000 रुपये तक पहुंच रही है।