मथुरा :- फिल्मों में अक्सर आपने देखा होगा कि नाग को मारने के बाद नागिन बदला लेने आती है और मारने वाले को डसकर मार डालती है। लेकिन असल जिंदगी में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है। दरअसल मामला मथुरा का है, जहां सांप के डसने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई है। बातया जा रहा हे कि 10 दिनों से पूरा परिवार दहशत में है और पूरी रात सांप के डर के साए में बिना सोए काट रहे हैं। वहीं, जब सांपों को पकड़ने के लिए सपेरों को बुलाया गया तो उनका कहना है कि घर के अंदर तीन और सांप मौजूद हैं, जिसके बाद सांपों से रक्षा के लिए गांव में अनुष्ठान कराए जा रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मथुरा जिले के सिहोर गांव में रहने वाले सोनपाल के बेटे मनोज ने 3 तारीख को मनोज के साले सचिन ने एक सांप को डंडों से पीट-पीटकर मार दिया और उसे गांव से दूर फेंक दिया। सांप की मौत के बाद 4 दिन बाद मनोज के घर पर सांप दिखाई दिया और कहीं कोने में छिप गया। मनोज के पिता सोनपाल की मानें तो सांप गांव वालों को अचानक दिखता और गायब हो जाता था। वहीं, 10 जुलाई को मनोज जब अपने घर की छत पर सो रहा था तो सांप ने उसे काट लिया।
सांप काटने के बाद मनोज के परिवार वालों ने उसे सपेरों को दिखाया, सपेरे ने उसे थप्पड़ मारे, फिर बोला कि इसे अस्पताल में दिखाओ। हम वहां से अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने कहा- सब ठीक हो जाएगा। लेकिन इलाज के दौरान मनोज की तबीयत बिगड़ने लगी और डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। मनोज को जयपुर अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही उसकी सांसें थम गई।
11 जुलाई को मनोज के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उसके बहनोई दिनेश पहुंचे। अंतिम संस्कार के बाद दिनेश और मनोज के बड़े भाई पप्पू रात को कमरे में एक ही बेड पर सो गए। देर रात सांप ने दिनेश और पप्पू को डस लिया। इसके बाद सांप के डसने की खबर पूरे गांव में तेजी से फैल गई। सपेरों ने दिनेश और पप्पू की 4 घंटे तक झाड़ फूंक की, लेकिन दोनों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद इलाज के लिए दोनों को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। उनका इलाज चल रहा है।
सपेरों ने गांव वालों को बताया कि अभी तीन सांप और हैं। इस अंधविश्वास की कहानी से गांव वालों में दहशत है। सपेरों ने बताया- सांप को पकड़कर डिब्बे में बंद कर दिया गया, जिस सांप के बच्चे की मौत हुई। वह इसी सांप का बच्चा है। सांप अपने बच्चे की मौत का बदला ले रहा है। उनकी रक्षा के लिए पूजा कराई जा रही, ताकि खतरे को टाला जा सके।