शशिभूषण सोनी
मैं भारतीय हूं और मुझे भारतीय होने का उतना ही गर्व हैं, जितना कि आप सबको । भारतीय सभ्यता, भारतीय संस्कृति, भारतीय परंपराएं और भारतीय इतिहास सभी कुछ प्राचीनकाल काल से ही गौरवशाली रहा हैं। यह सब-कुछ 26 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस परेड की झांकियों में लोगों को नज़र आ रहा था । इसका सीधा सा मतलब “मेरा भारत महान” मेरा देश बदल रहा हैं।
भारत की सांस्कृतिक विरासत को दिखाने वाली वर्षा से चली आ रही ताजमहल और कुतुबमीनार गायब था । सर्व-धर्म सद्भाव का दिखावा करने के नाम पर सूफ़ी संगीत और दरगाहों से उठने वाला लोभान का धुंआ आज गायब था?
देश का पर्याय राष्ट्र हैं और राष्ट्र के प्रति उत्कृष्ट प्रेम ही राष्ट्रीयता हैं! राष्ट्रीयता वह पवित्र भावना हैं , जिससे राष्ट्र के सभी नागरिक सौहार्द्र पूर्ण रहते हैं। मतलब सौहार्द्र सूत्र का यह बंधन ही लोगों को राष्ट्रीयता की कड़ी में जोड़ता हैं ।
इस वर्ष गणतंत्र दिवस की गणतंत्र दिवस परेड में भारत के गौरवशाली परंपरा देखने को मिला। भारत सांस्कृतिक राष्ट्र हैं और भविष्य में कैसे हिन्दुस्तान रहेगा इसकी झलक दिखाई दे रही थी•••••••
उत्तराखंड की झांकियों में बाबा केदारनाथ और हेमकुंड साहिब थे।
हरियाणा की झांकी में शंख महाभारत का प्रतीक रथ था ।
कर्नाटक झांकी में में हनुमान जी और रामायण का चित्रण था।
कश्मीर की झांकी में माता वैष्णव देवी का दरबार था।
छत्तीसगढ़ में गौ माता और गणेश जी दिख रहे थे।
यूपी की झांकी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर दिखाई दिया।
संस्कृति मंत्रालय की झांकी में महर्षि अरविंदो थे।
शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्रालय की झांकी में ऋषि-मुनियों और वेदज्ञान दिख रहा था।
नागरिक उड्डयन विभाग की झांकी में गौतमबुद्ध थे।
CRPF की झांकी में सरदार पटेल दिखाई दिए।
लोक निर्माण विभाग की झांकी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद थे।
स्वतंत्रता दिवस के वर्ष में प्रविष्ट होकर हम अमृत महोंत्सव मना रहे हैं। वर्षों पहले युवकों के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी ने जिनके बचपन का नाम नरेन्द्र दत्त था ने दुनिया को भारतीय दर्शन का बोध कराया था । आज आजादी के बाद पहली बार राष्ट्रीय भान से ओत-प्रोत देश के सामने भावनात्मक लगाव रखने वाले यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी मिले हैं । उनके सात वर्षों के तपस्या के बाद दुनिया में भारतवर्ष की प्रतिष्ठा बढ़ी हैं। दिन-रात देश की सेवा में बिना थके, बिना रुके और लगातार अपडेट रहते हुए जीवन समर्पित किया हैं। ज्ञान-विज्ञान, दर्शन,शिक्षा,अंतरीक्ष और विभिन्न क्षेत्रों में भारतवर्ष को अनेक उपलब्धियां हासिल हुई हैं।सभी क्षेत्रों में ये परिवर्तन परिलक्षित हो रहा था। मज़े की बात तो यह हैं कि भारतवर्ष दुनिया का प्राचीनतम सभ्यता संस्कृति से संपन्न राष्ट्र हैं। प्राचीन धर्म ग्रंथों और वेद-पुराणों में तत्कालीन समाज और राष्ट्र का सुंदर वर्णन परिलक्षित होता हैं।
मार्क्सवादी चिंतक डॉ रामविलास शर्मा ने भारतीय नवजागरण और यूरोप ग्रंथ में स्वयं लिखा हैं कि ••• ‘अथर्ववेद और महाभारत में अनेक जातियों के राष्ट्र का वर्णन हैं।,वैसा अन्यत्र नहीं। इसीलिए राष्ट्र निर्माण में भारत को विश्व का मार्गदर्शक माना जाता रहा है।’ यह वाक्य जिसकी आंखें ना खोल सके तो क्या कहने ? गणतंत्र दिवस परेड के माध्यम से देश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने के लिए हृदय से सरकार को धन्यवाद और आभार । जय हिंद। जय भारत।