मां सिर्फ जन्म ही नहीं देती, बल्कि वह आपके जीवन को संवारने के लिए मेहनत भी करती है. रात को जागती भी है. एक मां की हमेशा ख्वाहिश होती है कि उसके बच्चे आसमान की तरह ऊंचे हों.एक बेटे ने सोचा कि नौ महीने तक पेट में पालने वाली मां का कर्ज चुकाने के लिए क्या करूं.. मंडल चीमावलसा गांव के सनापाल श्रवणकुमार कुछ ऐसा कर दिया, जिससे उनकी मां को पुण्य मिलता रहेगा. उन्होंने अपनी मां अनूसिया देवी के नाम से एक मंदिर का निर्माण कराया है.
मंदिर का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है. मां अनूसिया देवी मंदिर निर्माणा का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा.2008 में हुआ मां का निधनश्रवण कुमार की मां ने उसकी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा. पढ़ाई-लिखाई के लिए खूब प्रोस्ताहित किया. मां अनूसिया देवी का 2008 में निधन हो गया. श्रवण जब पढ़-लिखकर बड़े हुए तो हैदराबाद में अपना बिजनेस शुरू किया. यह सोचकर कि उनकी मां की यादें हमेशा बरकरार रहे..
उन्होंने चीमलवलसा में एक मंदिर का निर्माण कराया. 2019 में मंदिर का काम शुरू हुआ था. इसके निर्माण पर 10 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है.यादगिरि गुट्टा श्री लक्ष्मीनरसिम्हा मंदिर के निर्माण के लिए आर्किटेक्ट में से एक बालगम चिरंजीवी, तमिलनाडु के एक मूर्तिकार पांडिदुरई और ओडिशा के मूर्तिकारों की एक टीम से उन्होंने चर्चा की. अगम शास्त्र मानदंडों के मुताबिक उन्होंने अम्मा देवस्थानम के निर्माण पर बात की.
उसी टीम को उन्होंने मंदिर निर्माण का काम सौंपा.मां की 51 फीट की मूर्ति स्थापित होगीइस मंदिर के निर्माण में सिर्फ कृष्ण पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है. पत्थरों को जोड़ने के लिए सीमेंट की बजाय प्राचीन समय में इस्तेमाल किए जाने वाले विधि का इस्तेमाल कर रहे हैं. पत्थर के मिश्रण के इस्तेमाल से मंदिर की मजबूती बनी रहे और मंदिर दशकों तक बरकरार रहे. मंदिर की नींव के रूप में श्रवण की मां अनूसिया देवी की मूर्ति स्थापित किया जाएगा, जिसकी ऊंचाई 51 फीट होगी.