मध्यप्रदेश:– धनतेरस का पर्व दिवाली की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सोना-चांदी, बर्तन और अन्य कीमती वस्तुओं की खरीदारी शुभ मानी जाती है, लेकिन झाड़ू खरीदने की परंपरा भी उतनी ही विशेष है। धार्मिक मान्यता के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन नई झाड़ू घर लाने से न केवल दरिद्रता दूर होती है बल्कि घर में सुख-समृद्धि और लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।
धनतेरस के दिन हमेशा फूल या सींक वाली झाड़ू ही खरीदनी चाहिए, जबकि प्लास्टिक या टूटी झाड़ू अशुभ मानी जाती है। झाड़ू खरीदने के बाद इसे साफ स्थान पर रखें और खड़ा करके रखने से बचें। नई झाड़ू से घर की सफाई करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
क्या करें पुराने झाड़ू का
जहां तक पुरानी झाड़ू की बात है, उसे धनतेरस के दिन नहीं फेंकना चाहिए। इसे दिवाली के बाद, अमावस्या या शनिवार के दिन ही घर से बाहर निकालना शुभ माना जाता है। पुरानी झाड़ू को जलाना या ऐसी जगह फेंकना जहां पैर लगें, अशुभ होता है। इस तरह धनतेरस पर झाड़ू खरीदना केवल परंपरा नहीं बल्कि समृद्धि का प्रतीक भी है।