रायपुर, 20 मार्च। महीनों से स्टोर में रखे मास्क के पैकेट फिर से काउंटर में नजर आने लगे हैं। सैनिटाइजर के छोटे पैक पर जमी धूल हटाई जा रही है। कीमत में बेतरह कमी के बाद भी बिक्री के आंकड़ों को तरस चुका पीपीई किट अब मुस्कुराने लगा है क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर के बीच उसकी जरूरत कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रही है।
1 साल का हुआ कोरोना। इसके साथ ही इससे बचने के उन सभी उपायों ने भी साल पूरे कर लिए, जिन्हें लेने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। कंटेंटमेंट जोन, होम आइसोलेशन, सैनिटाइजेशन फिर वैक्सीन ने कोरोना को काफी हद तक नियंत्रण में लाने का काम किया लेकिन सामान्य होते दिन के बीच सावधानी के सभी उपाय, एक-एक कर, किनारे कर दिए गए, जिनकी जरूरत अब फिर से दिखने लगी है। जी हां, बात हो रही है मास्क और सेनीटाइजर की, जिसकी मांग फिर से बढ़ चली है।
फिर से काउंटर में
सुरक्षा उपायों की अनदेखी से संक्रमण के मामले फिर से ना केवल बढ़ने लगे हैं बल्कि कंटेनमेंट जोन की भी जरूरत महसूस की जा रही है। इस बीच काउंटर से हटाकर स्टोर में रख दिए गए मास्क के पैकेट की वापसी फिर से काउंटर में होने लगी है। बिक्री में भी बढ़त देखी जा रही है। सूत्रों की माने तो इस समय प्रदेश में एक से सवा लाख नग मास्क की बिक्री प्रतिदिन हो रही है। यह संख्या और आगे जाने की संभावना है। कीमत है प्रति नग 2 रुपए।

हटाई जा रही धूल
अर्श से फर्श पर आ चुके सैनिटाइजर को फिर से संभलने का मौका मिलता दिखाई दे रहा है। बिक्री की संख्या आने वाले दिनों में ही सामने आ पाएगी। फिलहाल छोटे पैक में जम चुकी धूल हटाई जा रही है क्योंकि इसमें भी मांग का हल्का दबाव, दवा बाजार महसूस कर रहा है। रही बात कीमत की तो इसमें वृद्धि नहीं बल्कि आंशिक कमी आती दिखाई दे रही है। बड़े पैक में उठाव शून्य पर आ चुका है। कीमत है प्रति पैक 20 से 25 रुपए।

मुस्कुराया पीपीई किट
कोरोना की दूसरी लहर के बीच पीपीई किट में पहली बार मांग देखी जा रही है। पहले केवल कोविड अस्पतालों में यह दिखाई देते थे। अब एयरपोर्ट, निजी अस्पतालों और बड़ी औद्योगिक संस्थानों से भी मांग निकल रही है। आत्म निर्भर भारत योजना ने पीपीई किट बनाने वाली कंपनियों को अच्छा मौका दिया। अब यह बेहद कम कीमत याने 1350 से 1450 रुपए मूल्य पर लगभग सभी मेडिकल दुकानों में उपलब्ध है।