नई दिल्ली:– भारतीय ज्योतिष और रत्न शास्त्र में रत्नों का विशेष स्थान है. यह माना जाता है कि रत्न हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं. पृथ्वी में पाए जाने वाले रत्न न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति के भी कारक होते हैं. इसी श्रृंखला में मोती रत्न को शांति और इच्छापूर्ति का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इसके धारण करने से जुड़े कुछ जोखिम भी हो सकते हैं जिन्हें समझना जरूरी है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा
मोती का असर
मोती रत्न चंद्रमा ग्रह से संबंधित होता है और इसका प्रभाव हमारे मानसिक स्वास्थ्य और भावनाओं पर सीधा पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मोती का प्रभाव व्यक्ति की मानसिक स्थिति को सशक्त बनाने में सहायक होता है, लेकिन यह रत्न हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होता. खासकर अगर व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा का खराब प्रभाव हो तो मोती को धारण करना नुकसानदायक साबित हो सकता है.
मोती रत्न के फायदे
मोती रत्न खासकर उन जातकों के लिए फायदेमंद होता है जिनकी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत हो या जिनका राशि चिन्ह मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन हो. यह रत्न मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है और उन व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होता है जिनके चंद्रमा कमजोर होते हैं. मोती को पहनने से व्यक्ति का मन शांत और दिमाग सशक्त होता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में बेहतर निर्णय ले सकता है.
इसके अलावा, मोती इच्छाओं की पूर्ति में भी मदद करता है. अगर किसी जातक के जीवन में कोई मानसिक परेशानी या भावनात्मक असंतुलन है, तो मोती इसे संतुलित करने में सहायक हो सकता है. चंद्रमा के प्रभाव से पीड़ित व्यक्तियों को यह रत्न मानसिक और भावनात्मक शांति प्रदान कर सकता है.
मोती रत्न के नुकसान
हालांकि मोती रत्न कई फायदे प्रदान करता है, लेकिन इसका गलत तरीके से इस्तेमाल नुकसानदायक भी हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो और साथ ही वे भावनात्मक रूप से अधिक संवेदनशील या क्रोधी हों, तो मोती पहनना उनकी स्थिति को और बिगाड़ सकता है. खासकर उन लोगों को मोती नहीं पहनना चाहिए जिनकी कुंडली में चंद्रमा बारहवें या दसवें स्थान पर हो, क्योंकि इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं.
इसके अलावा, जिन लोगों की मानसिक स्थिति पहले से ही अस्थिर हो, उन्हें चांदी या मोती रत्न धारण करने से और अधिक भावनात्मक उतार-चढ़ाव हो सकते हैं.
