*तमिलनाडु:-* भारत में कई तरह के प्रचलित और प्राचीन मंदिर हैं, जोकि अलग-अलग मान्यताओं और विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध हैं. तमिलनाडु के तिरुकारुकावूर में ऐसा ही एक मंदिर है, जिसका नाम है गर्भरक्षाम्बिका मंदिर. इस मंदिर में देवी गर्भरक्षाम्बिका और भगवान मुल्लैवना नाथर का निवास स्थान है. आइये जानते हैं इस मंदिर और इसके महत्व के बारे में-गर्भरक्षाम्बिका मंदिर का महत्वतमिलनाडु के तिरुकारुकावुर में स्थित इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि, यहां स्थित देवी मां पार्वती की अवतार हैं. इस मंदिर के नाम से ही काफी हद तक इसके महत्व का भी पता चलता है.गर्भरक्षाम्बिका का अर्थ है गर्भ की रक्षा. इसलिए यह मंदिर गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत शुभ माना जाता है. यहां गर्भवती महिलाओं को संतान रक्षा का आशीर्वाद तो मिलता ही है.इसी के साथ इस मंदिर में ऐसे लोगों को भी आशीर्वाद मिलता है जो संतान सुख की इच्छा रखते हैं और किसी कारण इससे वंचित रह जाते हैं.वहीं मंदिर में स्थित भगवान मुल्लैवना नाथर की पूजा करने से सभी तरह के त्वचा संबंधित रोग भी ठीक हो जाते हैं. असाध्य रोगों से पीड़ित लोग भी इस मंदिर में आते हैं.गर्भरक्षाम्बिका देवी के बारे मेंदेवी गर्भरक्षाम्बिका को मातृत्व का सर्वोच्च व्यक्तित्व माना जाता है. मंदिर के गर्भगृह में 7 फीट ऊंची देवी की सुंदर मूर्ति है. देवी कांजीवरम साड़ी पहने, आभूषणों और फूलों से सुसज्जित हैं. यहां आने वाले भक्त देवी की मातृ कृपा और भव्य रूप से रोमांचित हुए बिना नहीं रह पाते.क्योंकि गर्भरक्षाम्बिका देवी नारीत्व का सुंदर अवतार हैं. इस अवतार में देवी गर्भाशय संबंधी विकारों और गर्भावस्था वाली स्त्रियों के गर्भ की रक्षा का दयालु रूप है.निसंतान लोग यहां विश्वास और श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं और देवी निसंतान स्त्रियों को गर्भधारण और गर्भवती को सुरक्षित प्रसव का आशीर्वाद देती हैं.
