नई दिल्ली:- जब से मोदी सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है, तब से फिटमेंट फैक्टर को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही हैं. दरअसल, फिटमेंट फैक्टर वह मल्टीप्लायर है जिसके माध्यम से वेतन आयोग नए मूल वेतन की गणना करता है. 8वें वेतन आयोग में संभावित फिटमेंट फैक्टर को लेकर चल रही इन चर्चाओं के बीच केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी सोच रहे हैं कि उनकी सैलरी और पेंशन में वास्तविक वृद्धि कितनी होगी?
सूत्रों की मानें तो सरकार बहुत जल्द 8वें वेतन आयोग के संदर्भ की शर्तें (टीओआर) जारी करेगी. एक बार टीओआर को अंतिम रूप दिए जाने के बाद वेतन आयोग के अध्यक्ष और प्रमुख सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी.
पिछले महीने सरकार ने दो अलग-अलग सर्कुलर जारी किए थे, जिसमें बताया गया था कि 8वें वेतन आयोग में 40 कर्मियों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. वित्त मंत्रालय के सर्कुलर में कहा गया था कि विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी प्रतिनियुक्ति के आधार पर इनमें से अधिकांश पदों को भरेंगे.
हाई फिटमेंट फैक्टर की मांग
वित्त मंत्रालय के सर्कुलर में कहा गया था कि इनमें से ज्यादातर पदों पर विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी प्रतिनियुक्ति के आधार पर नियुक्त किए जाएंगे. विभिन्न कर्मचारी संगठन हाई फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं. इनमें से कुछ ने 2.86 के फिटमेंट फैक्टर की मांग की है ताकि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के मौजूदा वेतन और पेंशन में पर्याप्त वृद्धि हो सके. हालांकि, वे उच्च फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस मांग पर सरकार की सहमति मिलना इतना आसान नहीं लगता.
चाहे 2.86 हो या 1.92 एक्चुअल वृद्धि क्या होगी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिटमेंट फैक्टर को मूल वेतन पर लागू किया जाएगा. उदाहरण के लिए अगर वेतन पैनल फिटमेंट फैक्टर के रूप में 1.92 की सिफारिश करता है, तो न्यूनतम मूल वेतन 34,560 रुपये हो जाएगा. इसी तरह 2.86 फिटमेंट लागू होने पर मिनिमम सैलरी 51,480 रुपये पहुंच जाएगी.
पिछले वेतन आयोग में कितना फिटमेंट फैक्टर यूज हुआ
छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, लेकिन वास्तविक वेतन वृद्धि लगभग 54 प्रतिशत थी, दूसरी ओर, 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.57 हो गया, लेकिन वास्तविक वेतन वृद्धि केवल 14 फीसदी हुई थी.
कर्मचारियों की उम्मीदें और सरकार की तैयारी
फिलहाल करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी सरकार द्वारा ToR को अंतिम रूप दिए जाने और वेतन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं, ताकि पैनल की सिफारिशों को समय पर लागू किया जा सके.
बता दें कि 8वें वेतन आयोग का कार्यकाल जनवरी 2026 से शुरू होगा, क्योंकि मौजूदा 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है. पिछला आयोग 2016 में लागू किया गया था, जिससे सरकार पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा था.