नई दिल्ली:–
डिजिटल भुगतान की दुनिया में एक नया अध्याय शुरू होने वाला है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI ने यूपीआई यूजर्स के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव की घोषणा की है जो 31 दिसंबर 2025 से लागू होगा। यह बदलाव उन करोड़ों भारतीयों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा जो रोजाना यूपीआई के माध्यम से भुगतान करते हैं। अब तक अगर आपने अलग-अलग यूपीआई ऐप्स पर ऑटो पेमेंट्स सेट किए हुए थे, तो उन्हें मैनेज करना काफी मुश्किल था।
नए नियम के तहत अब आप किसी भी एक यूपीआई ऐप से अपने सभी ऑटो पेमेंट्स को देख और नियंत्रित कर सकेंगे, चाहे वे किसी भी दूसरे ऐप पर बनाए गए हों। यह सुविधा गूगल पे, फोनपे, पेटीएम, अमेज़न पे जैसे सभी लोकप्रिय यूपीआई ऐप्स पर उपलब्ध होगी। इसके साथ ही यूजर्स को अपने मैंडेट्स को एक ऐप से दूसरे ऐप में ट्रांसफर करने की भी सुविधा मिलेगी। NPCI ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह पूरी प्रक्रिया यूजर के नियंत्रण में होगी और किसी भी प्रकार के दबाव या लालच के बिना होगी। यह कदम डिजिटल पेमेंट्स को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
NPCI ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि सभी यूपीआई ऐप्स और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को 31 दिसंबर 2025 की समय सीमा तक इस नई सुविधा को लागू करना अनिवार्य होगा। इस अपडेट के बाद यूजर्स अपने सभी रिकरिंग पेमेंट्स यानी नियमित भुगतानों को एक ही जगह से ट्रैक कर सकेंगे। यह सुविधा खासतौर पर उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी होगी जो विभिन्न सब्सक्रिप्शन सेवाओं, बिल भुगतान, और ईएमआई के लिए अलग-अलग ऐप्स का उपयोग करते हैं।
इस नए अपडेट में सुरक्षा के मोर्चे पर भी महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। अब यूपीआई ट्रांजेक्शन में फेस रिकॉग्निशन और बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन जैसे आधुनिक सुरक्षा तरीके जोड़े गए हैं। ये नई सुरक्षा परतें ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने में मददगार साबित होंगी। NPCI ने यह भी साफ कर दिया है कि मैंडेट पोर्टिंग की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का कैशबैक, छूट या नोटिफिकेशन के माध्यम से दबाव नहीं बनाया जाएगा। यह पूरी तरह से यूजर की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वह अपने पेमेंट मैंडेट्स को एक ऐप से दूसरे में ट्रांसफर करना चाहता है या नहीं।
एक ऐप से सभी ऑटो पेमेंट्स की जानकारी
नई व्यवस्था का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब आपको हर ऐप को अलग-अलग खोलकर अपने ऑटो पेमेंट्स चेक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मान लीजिए आपने गूगल पे पर नेटफ्लिक्स की सब्सक्रिप्शन, फोनपे पर बिजली बिल का ऑटो पेमेंट और पेटीएम पर किसी अन्य सेवा का भुगतान सेट किया हुआ है। अब आप इन तीनों को किसी एक ऐप में लॉगिन करके देख सकेंगे। यह सुविधा विशेष रूप से उन यूजर्स के लिए वरदान साबित होगी जो कई सारी ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करते हैं।
इस सुविधा से आपकी वित्तीय योजना बनाना भी काफी आसान हो जाएगा। आप एक नज़र में यह देख पाएंगे कि हर महीने कितने और कौन-कौन से ऑटो पेमेंट्स आपके खाते से कट रहे हैं। इससे आप अनावश्यक सब्सक्रिप्शन को पहचान कर उन्हें रद्द कर सकते हैं और अपने खर्चों पर बेहतर नियंत्रण रख सकते हैं। यह पारदर्शिता आम यूजर्स को अपने वित्त को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद करेगी और डिजिटल पेमेंट में विश्वास को और मजबूत बनाएगी।