नईदिल्ली:– -बैकुंठ बदरीनाथ मंदिर के कपाट रविवार को सुबह छह बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। जय बदरीनाथ… के उद्घोष के साथ करीब 15 हजार तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ की अखंड ज्योति के साथ ही भगवान बदरीविशाल के दर्शन किए।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा भी विधिवत रूप से शुरू हो गई है। इस दौरान एक ‘चमत्कार’ भी देखने को मिला जो देश के लिए शुभ संकेत लेकर आया है। शीतकाल में छह माह तक जो घृत कंबल (घी से लेपन किया ऊनी वस्त्र) भगवान बदरीनाथ को ओढ़ाया गया था उस पर घी ताजा मिला।
मान्यता है कि जिस वर्ष कंबल पर घी ताजा मिलता है उस दौरान यात्रा निर्विघ्न संपन्न होती है और देश की व्यवस्था बेहतर बनी रहती है। देश में खुशहाली रहती है।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद बदरीनाथ की शालिग्राम मूर्ति पर लपेटे घृत कंबल को रावल (मुख्य पुजारी) अमरनाथ नंबूदरी ने विधि-विधान से निकाला। इसके बाद मंदिर समिति के पदाधिकारी सिंहद्वार से होते हुए मंदिर परिसर में पहुंचे और श्रद्धालुओं को घृत कंबल का प्रसाद वितरित किया गया।
बदरीनाथ के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने बताया कि इस वर्ष बदरीनाथ की शालिग्राम मूर्ति पर घी ताजा मिला। इसे यात्रा और देश के लिए शुभ माना जाता है। जब घी सूख जाता है तो इसे शुभ नहीं माना जाता है। इसे देश में आपदा, फसलें बरबाद होना व स्वास्थ्य परेशानियां सामने आ जाती हैं।
उधर, बदरीनाथ धाम में पिछले साल से मंदिर परिसर के 50 मीटर दायरे में किसी भी तरह के वीडियो, रील बनाना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया हुआ है। यात्रा तैयारियों की बैठक में भी इस बात को बार-बार उठाया गया। लेकिन कपाट खुलने के दिन बदरीनाथ में हर कोई मोबाइल लेकर वीडियो बना रहा था।