रायपुर:– पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी, उससे सटे उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तट से दूर पश्चिम मध्य पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना है, जिसके प्रभाव से छत्तीसगढ़ में मानसूनी गतिविधियों में तेजी आएगी। इधर मौसम विभाग ने 23 जिलों के लिए ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में मेघगर्जन की गतिविधियों में वृद्धि के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है। बारिश के साथ तेज हवा चलने और आकाशीय बिजली गिरने की घटना भी हो सकती है। बारिश का मुख्य केंद्र उत्तर छत्तीसगढ़ के जिले हो सकते हैं।
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश के नारायणपुर, कोंडागाांव, उत्तर बस्तर कांकेर, बालोद, राजनांदगांव, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं धमतरी, गरियाबंद , महासमुंद, रायपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बिलासपुर, दुर्ग, मुंगेली जिले के यलो अलर्ट जारी किया है। तेज की रफ्तार 30-40 KMPH चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने यह अलर्ट तीन घंटों के लिए जारी है। प्रदेश की राजधानी रायपुर सहित दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, बिलासपुर आदि जिलों में अच्छी बारिश हुई है।
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक उत्तरी-पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तटों पर निम्न दबाव का क्षेत्र आज, 13 सितंबर, 2025 को 14.30 बजे IST पर बना हुआ है। इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक विस्तारित है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुक रहा है। अगले 2 दिनों के दौरान इसके दक्षिण ओडिशा और उससे सटे उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण छत्तीसगढ़ से होते हुए पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।
औसत समुद्र तल पर मानसून की द्रोणिका श्री गंगानगर, रोहतक, सिवनी, राजनांदगांव से होकर गुजर रही है और फिर पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तटों पर निम्न दबाव के क्षेत्र के केंद्र तक पहुंच रही है। दक्षिण-पश्चिम बिहार और उससे सटे झारखंड पर औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। पश्चिम-मध्य और समीपवर्ती उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, उत्तरी आंध्र प्रदेश-दक्षिण ओडिशा तटों से छत्तीसगढ़ और विदर्भ होते हुए दक्षिण महाराष्ट्र तक निम्न दबाव क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण से बनी द्रोणिका, समुद्र तल से 3.1 से 5.8 किमी ऊपर दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकी हुई है।