नई दिल्ली:– बॉलीवुड की हर चौथी फिल्म की कहानी कुछ यूं होती है। लड़के को लड़की से या लड़की को लड़के से प्यार हो गया है। लेकिन वो कनफ्यूज्ड है कि ये जो पेट में हर वक्त तितलियां उड़ती रहती हैं, रातों को नींद नहीं आती, पता नहीं किस सपने में डूबे-डूबे दिन गुजर जाता है, ये सचमुच मुहब्बत है या सिर्फ आकर्षण।
वही शाश्वत सवाल- कैसे जानें कि हमें सचमुच किसी से मुहब्बत हो गई है। या मुहब्बत के जिस ख्याल ने जीना मुहाल कर दिया है, वो सिर्फ एक फ्लिंग है। एक क्षणिक आकर्षण, जो कुछ दिनों में अपने आप रफूचक्कर हो जाएगा।
तो चलिए, रिलेशनशिप कॉलम में आज इसी शाश्वत उलझन को सुलझाने की कोशिश करते हैं। साइंस रिसर्च, स्टडीज और रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स के हवाले से समझने की कोशिश करते हैं कि प्यार की पहचान क्या है। क्या होता है, जब हमें सचमुच प्यार हो जाता है।
ब्रेन के न्यूरॉन्स भी देते हैं प्यार का संकेत
हेलेन फिशर एक बायलॉजिकल एंथ्रोपोलॉजिस्ट और किनजी इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियाना यूनिवर्सिटी में सीनियर रिसर्च फैलो हैं। उन्होंने एक स्टडी के जरिए यह समझने की कोशिश की कि लव, लस्ट, रोमांस, इन अलग-अलग स्थितियों में हमारा ब्रेन कैसे बदलता है। इसके लिए अलग-अलग रिलेशनशिप स्टेटस वाले लोगों के ब्रेन स्कैन करके देखे गए।
स्टडी से पता चला कि जब कोई सचमुच प्यार में डूब रहा होता है तो उसके ब्रेन के इमोशनल सेंटर्स की न्यूरोवायरिंग बदल जाती है। कैजुअल सेक्शुअल इनकाउंटर या प्लेटॉनिक लव में ऐसा नहीं होता।
अब प्यार हुआ है या नहीं, यह जानने के लिए आप अपना ब्रेन स्कैन करवाने तो नहीं जाएंगे। इसलिए चलिए, कुछ ऐसे संकेतों की बात करते हैं, जो खुद से समझे जा सकें।
महज आकर्षण हो तो भी ऐसा हो सकता है कि हर वक्त कोई ख्यालों में रहे। लेकिन इस ख्याल की मियाद बहुत लंबी नहीं होती। लेकिन जब सुबह-शाम, सोते-जागते, कोई भी काम करते हुए एक ही व्यक्ति का चेहरा आपकी आंखों के सामने घूम रहा हो, वो हर वक्त आपके ख्यालों में हो और यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो समझ जाइए कि आपको प्यार हो गया है।
घर या दफ्तर का काम करते हुए अचानक उसका ख्याल आए और यूं ही आपके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाए तो ये फ्लिंग नहीं, प्यार है।
आपको उसमें सबकुछ सिर्फ अच्छा ही नजर आता है
ऐसा सिर्फ मुहब्बत में ही होता है कि प्रेमी में सबकुछ अच्छा ही नजर आता है। उसका नाक बजाकर सोना या खाते समय अजीब सी आवाजें निकालना, सबकुछ प्यारा लगने लगता है। वरना कोई दोस्त, सहकर्मी, भाई-बहन अगर सुड़क-सुड़ककर चाय पिए तो ईरिटेशन होने लगेगा। लेकिन उसी सुड़कने की आवाज जब प्रेमी के चाय के कप से आए तो वो किसी संगीत सरीखी लगने लगती है।
वैसे यहां एक रेड फ्लैग याद दिलाना जरूरी है। जर्नल ऑफ फैमिली थियरी एंड रिव्यू में साल 2011 में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक प्रेम में लोग अकसर प्रेमी को एक आदर्श की तरह देखने लगते हैं और उसकी गलतियों और कमियों को भी नजरंदाज करने लगते हैं। लेकिन लांग टर्म में यही चीजें रिश्ते के टूटने की वजह भी बनती हैं।
चाय सुड़कने या डकार लेने जैसी आदत को तो नजरंदाज किया जा सकता है, लेकिन गंभीर गलतियों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। प्रेमी के हर व्यवहार को डिफेंड करने और उसे एक आदर्श की तरह देखने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
रिलेशनशिप- कैसे पता चले कि आपको मुहब्बत हो गई है:क्या पता, ये सच्चा प्यार है या सिर्फ आकर्षण, इन 10 संकेतों से पता चलेगा
18 घंटे पहलेलेखक: मनीषा पांडेय
बॉलीवुड की हर चौथी फिल्म की कहानी कुछ यूं होती है। लड़के को लड़की से या लड़की को लड़के से प्यार हो गया है। लेकिन वो कनफ्यूज्ड है कि ये जो पेट में हर वक्त तितलियां उड़ती रहती हैं, रातों को नींद नहीं आती, पता नहीं किस सपने में डूबे-डूबे दिन गुजर जाता है, ये सचमुच मुहब्बत है या सिर्फ आकर्षण।
वही शाश्वत सवाल- कैसे जानें कि हमें सचमुच किसी से मुहब्बत हो गई है। या मुहब्बत के जिस ख्याल ने जीना मुहाल कर दिया है, वो सिर्फ एक फ्लिंग है। एक क्षणिक आकर्षण, जो कुछ दिनों में अपने आप रफूचक्कर हो जाएगा।
तो चलिए, रिलेशनशिप कॉलम में आज इसी शाश्वत उलझन को सुलझाने की कोशिश करते हैं। साइंस रिसर्च, स्टडीज और रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स के हवाले से समझने की कोशिश करते हैं कि प्यार की पहचान क्या है। क्या होता है, जब हमें सचमुच प्यार हो जाता है।
ब्रेन के न्यूरॉन्स भी देते हैं प्यार का संकेत
हेलेन फिशर एक बायलॉजिकल एंथ्रोपोलॉजिस्ट और किनजी इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियाना यूनिवर्सिटी में सीनियर रिसर्च फैलो हैं। उन्होंने एक स्टडी के जरिए यह समझने की कोशिश की कि लव, लस्ट, रोमांस, इन अलग-अलग स्थितियों में हमारा ब्रेन कैसे बदलता है। इसके लिए अलग-अलग रिलेशनशिप स्टेटस वाले लोगों के ब्रेन स्कैन करके देखे गए।
स्टडी से पता चला कि जब कोई सचमुच प्यार में डूब रहा होता है तो उसके ब्रेन के इमोशनल सेंटर्स (एमिगडला) की न्यूरोवायरिंग बदल जाती है। कैजुअल सेक्शुअल इनकाउंटर या प्लेटॉनिक लव में ऐसा नहीं होता।
अब प्यार हुआ है या नहीं, यह जानने के लिए आप अपना ब्रेन स्कैन करवाने तो नहीं जाएंगे। इसलिए चलिए, कुछ ऐसे संकेतों की बात करते हैं, जो खुद से समझे जा सकें।
वो हर वक्त आपके ख्यालों में है
महज आकर्षण हो तो भी ऐसा हो सकता है कि हर वक्त कोई ख्यालों में रहे। लेकिन इस ख्याल की मियाद बहुत लंबी नहीं होती। लेकिन जब सुबह-शाम, सोते-जागते, कोई भी काम करते हुए एक ही व्यक्ति का चेहरा आपकी आंखों के सामने घूम रहा हो, वो हर वक्त आपके ख्यालों में हो और यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो समझ जाइए कि आपको प्यार हो गया है।
घर या दफ्तर का काम करते हुए अचानक उसका ख्याल आए और यूं ही आपके चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाए तो ये फ्लिंग नहीं, प्यार है।
आपको उसमें सबकुछ सिर्फ अच्छा ही नजर आता है
ऐसा सिर्फ मुहब्बत में ही होता है कि प्रेमी में सबकुछ अच्छा ही नजर आता है। उसका नाक बजाकर सोना या खाते समय अजीब सी आवाजें निकालना, सबकुछ प्यारा लगने लगता है। वरना कोई दोस्त, सहकर्मी, भाई-बहन अगर सुड़क-सुड़ककर चाय पिए तो ईरिटेशन होने लगेगा। लेकिन उसी सुड़कने की आवाज जब प्रेमी के चाय के कप से आए तो वो किसी संगीत सरीखी लगने लगती है।
वैसे यहां एक रेड फ्लैग याद दिलाना जरूरी है। जर्नल ऑफ फैमिली थियरी एंड रिव्यू में साल 2011 में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक प्रेम में लोग अकसर प्रेमी को एक आदर्श की तरह देखने लगते हैं और उसकी गलतियों और कमियों को भी नजरंदाज करने लगते हैं। लेकिन लांग टर्म में यही चीजें रिश्ते के टूटने की वजह भी बनती हैं।
चाय सुड़कने या डकार लेने जैसी आदत को तो नजरंदाज किया जा सकता है, लेकिन गंभीर गलतियों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। प्रेमी के हर व्यवहार को डिफेंड करने और उसे एक आदर्श की तरह देखने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
वो आपकी प्रिऑरिटी बन गए हैं
ये प्यार का सबसे बड़ा संकेत है कि कोई आपके जीवन की प्राथमिकता बन जाए। आप अपने सारे प्लान, सारी योजनाएं उसी के हिसाब से बनाने लगें। उसका ऑफ मंडे को होता है तो आप भी अपना ऑफ मंडे करवा लेते हैं। वो शाम को आठ बजे फ्री होता है तो आप भी देर तक रुककर ऑफिस में काम करते रहते हैं, जबकि आपकी शिफ्ट छह बजे ही खत्म हो चुकी है। उसकी रुचियां, पसंद-नापसंद सबकुछ आपकी प्रिऑरिटी बन जाती है। आप वही करते हैं, जो प्रेमी को पसंद है।
आपको हर वक्त उसका इंतजार रहता है
रेस्टोरेंट में खाने का इंतजार और टिकट क्यू में अपनी बारी का इंतजार कितना ईरीटेटिंग लगता है। लेकिन एक इंतजार है, जिसके बारे में कभी आइंस्टीन ने कहा था कि यह दुनिया का सबसे खूबसूरत इंतजार है।
उसके आने का इंतजार, उससे मिलने का इंतजार, उसके फोन और मैसेज का इंतजार, वीकेंड उसके साथ बिताने का इंतजार। पूरा हफ्ता सिर्फ इंतजार में ही गुजरता है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है कि आपको हर लम्हा बस किसी खास का इंतजार है तो जनाब, दिल की पेटी कसकर बांध लीजिए। आपको मुहब्बत हो गई है।
बस जिंदगी में यह सिर्फ एक ही दफा होता है कि पेट में हर वक्त तितलियां उड़ती रहती हैं। एक अजीब सी खुशी का एहसास दिलो-दिमाग पर तारी रहता है। जैसे बुखार जकड़ लेता है, कुछ वैसे ही मुहब्बत अपनी गिरफ्त में लेती है। ये कुछ और नहीं, प्यार ही है।
आपको लगता है, पूरी दुनिया प्यार में है
जैसे सावन के अंधे को सबकुछ हरा-हरा नजर आता है, वैसे ही इश्क के मारे को पूरी दुनिया ही इश्क की मारी नजर आती है। ये बस प्यार में ही होता है कि लगता है हर कोई खुश है, हर कोई प्यार में है। कोई दुख, कोई फिक्र छू भी नहीं जाती।
वैसे साइंटिफिक ब्रेन वाले जानते हैं कि ये सारा खेल उस ऑक्सीटोसिन और सेरेटोनिन हॉर्मोन का है, जो उमड़-उमड़कर निकले जा रहा है और जीवन में खुशियों का सैलाब आ गया है।
जब आप वो तीन जादुई शब्द कहने और सुनने को बेताब होने लगें तो समझ लीजिए कि आप प्यार में हैं। जाने कितनी बार मैसेज में लिखकर मिटा चुके, जाने कितने पन्ने लिखकर फाड़ चुके। कहने की ख्वाहिश इतनी ही है कि तुमसे प्यार हो गया है, लेकिन शब्द गले के मुहाने पर आकर अटक गए हैं।
कह भी डालिए जनाब। प्यार ही किया है, कोई चोरी तो नहीं की।
दोस्त और परिवार वाले इस बात को नोटिस करने लगे हैं
वो कहते हैं न कि इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते। तो यूं समझ लीजिए कि जब दोस्त और घरवाले आपके बदले मिजाज को नोटिस करने लगें तो प्यार के इकरार का वक्त आ गया है।