नई दिल्ली:– 7 सितंबर 2025 को इस वर्ष का सबसे बड़ा खगोलीय दृश्य देखने को मिलेगा जब पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण भारत समेत एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के कई हिस्सों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। इस बार का चंद्र ग्रहण भारत में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देगा जिससे इसका धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव अधिक माना जा रहा है। हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता लेकिन शास्त्रों में बताया गया है कि इस दौरान किए गए जप, ध्यान और साधना सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना फलदायी होते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में कुछ कार्यों को वर्जित बताया गया है। इनमें प्रमुख रूप से भोजन करना या पकाना, कोई भी धार्मिक कार्य जैसे पूजा, हवन, या आरती करना, गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह, धारदार वस्तुओं का प्रयोग न करना विशेषकर गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि इस दौरान तेज़ या नुकीली वस्तुओं का उपयोग भ्रूण पर नकारात्मक असर डाल सकता है। उन्हें आराम करने और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण समाप्त होने के बाद शुद्धता के लिए स्नान करना आवश्यक माना गया है। स्नान के बाद घर की सफाई कर भगवान की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, या धन का दान करना पुण्यदायी होता है और इससे ग्रहण के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलने का विश्वास किया जाता है।
7 सितंबर 2025 को लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में कब दिखाई देगा?
A1: यह पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा और रात के समय आंशिक चरणों के साथ शुरू होगा।
क्या चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें के नियम वैज्ञानिक हैं?
A2: इनमें से कई नियम धार्मिक और परंपरागत विश्वासों पर आधारित हैं, हालांकि कुछ सावधानियाँ जैसे गर्भवती महिलाओं के लिए, एहतियात के तौर पर मानी जाती हैं।
गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण में क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
A3: उन्हें तेज़ या धारदार वस्तुओं के उपयोग से बचने, आराम करने और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करने की सलाह दी जाती है।
क्या ग्रहण के बाद स्नान और दान करना जरूरी है?
A4: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्नान और दान करना ग्रहण के अशुभ प्रभावों को दूर करने वाला माना जाता है।
क्या चंद्र ग्रहण 2025 भारत के सभी हिस्सों में दिखाई देगा?
A5: हाँ, यह चंद्र ग्रहण भारत के अधिकांश हिस्सों में साफ़ दिखाई देगा।