नई दिल्ली। डायबिटीज की समस्या और उपचार
ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने के कारण डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे के बारे में आपने भी जरूर सुना होगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन लोगों के शुगर का लेवल अक्सर बढ़ा हुआ रहता है उनमें डायबिटीज की दिक्कतों के साथ किडनी, लिवर, हार्ट और आंखों से संबंधित बीमारियों का भी खतरा हो सकता है। यही कारण है कि सभी लोगों को लाइफस्टाइल और आहार में सुधार करके ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखने की सलाह दी जाती है।
पर क्या आप जानते हैं कि ब्लड शुगर बढ़ने की ही तरह से इसका लो होना भी शरीर के लिए कई प्रकार से समस्याकारक हो सकती है?
डॉक्टर्स कहते हैं, ब्लड शुगर बढ़ने जैसा ही इसका लो होना भी सेहत के लिए हानिकारक है। लंबे समय तक सामान्य से बहुत कम ब्लड शुगर की स्थिति में कोमा जैसी गंभीर समस्या तक हो सकती है। यही कारण है कि शुगर के स्तर को सामान्य बनाए रखने को लेकर ध्यान देना आवश्यक हो जाता है।
डायबिटीज का सामान्य स्तर
ब्लड शुगर का स्तर कितना होना चाहिए
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, फास्टिंग ग्लूकोज का स्तर 70 mg/dL से लेकर 100 mg/dL के बीच सामान्य माना जाता है। अगर फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज 100 से 125 mg/dL और भोजन के बाद इसका स्तर 140 mg/dL से अधिक बना रहता है तो इसे बढ़ा हुआ शुगर माना जाता है। वहीं 80 mg/dL या इससे कम बने रहने वाला स्तर लो ग्लूकोज का संकेत है जिसके कारण कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं का खतरा हो सकता है।
क्यों कम होता है शुगर लेवल?
रक्त शर्करा का स्तर दिन के दौरान अक्सर बदलता रहता है। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उनमें लो ब्लड शुगर की दिक्कत होने का जोखिम हो सकता है। इसके अलावा भी दिनचर्या की कुछ गड़बड़ आदतों की वजह से भी लो ब्लड शुगर की समस्या होने का जोखिम रहता है।
बहुत अधिक इंसुलिन लेने, इंसुलिन के हिसाब से पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट का सेवन न करने, शराब पीने और मौसम में होने वाले बदलाव की स्थिति भी शुगर के स्तर को सामान्य से कम कर सकती है। यदि आपका शुगर लेवल अक्सर ही लो रहता है तो इसके जोखिमों को लेकर सावधान हो जाना जरूरी है।
शुगर लो होने के दुष्प्रभाव
शुगर लेवल लो होने की स्थिति में जरूरी नहीं है कि आपमें इसके लक्षण दिखें ही, हालांकि अगर लंबे समय तक रक्त शर्करा का स्तर कम बना रहता है तो ये कई प्रकार की समस्याओं का कारक हो सकती है। शुगर लो होने के कारण तेजी से दिल धड़कने, कंपन होने, पसीना आने, घबराहट या बेचैनी की समस्या, चिड़चिड़ापन होने, चक्कर आने की दिक्कत हो सकती है।
गंभीर स्तर पर ब्लड शुगर की कमी यानी 54 मिलीग्राम/डीएल से नीचे की स्थिति बेहोशी, जबड़ों के बैठने और कोमा जैसी समस्याओं का भी कारण हो सकती है।
लो हो जाए शुगर तो क्या करें?
डॉक्टर कहते हैं, अगर आपको अक्सर ही लो ब्लड शुगर की दिक्कत बनी रहती है तो अपने आहार और दिनचर्या में विशेष सुधार की आवश्यकता हो सकती है। आहार में स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों को शामिल करें। शुगर कम होने की समस्या में तुरंत थोड़ी मात्रा में चीनी, बिस्कुट या शहद का सेवन करें और नियमित अंतराल पर शुगर के स्तर की जांच करते रहें।
जो लोग इंसुलिन का इंजेक्शन लेते हैं उन्हें बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह पर शुगर कम कम करने वाले उपायों से बचना चाहिए। लो शुगर की स्थिति में गंभीर जोखिमों से बचाव के लिए समय रहते डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।