कर्नाटक।जिला प्रशासन का कहना है कि आयोजकों ने इसके लिए पुलिस से इजाजत नहीं ली थी। दिवाली के बाद ‘होरी हब्बा’ नामक इस लोकप्रिय कार्यक्रम को आयोजन किया जाता है। शिवमोगा के पुलिस अधीक्षक मिथुन कुमार जीके के अनुसार हमें इन दोनों कार्यक्रमों की कोई जानकारी नहीं थी।
कर्नाटक के शिवमोगा जिले में सांड दौड़ की दो अलग-अलग घटनाओं में दो दर्शकों की मौत हो गई। ‘होरी हब्बा’ नाम से चर्चित यह बैल दौड़ पुलिस की बगैर इजाजत के आयोजित की गई थी।
शनिवार को शिकारीपुरा इलाके के गामा गांव में हुई सांड दौड़ में प्रशांत (36) नामक युवक की मौत हो गई। इसी तरह एक अन्य युवक आदि (20) की सोरबा तालुका के जाडे गांव में मौत हो गई। सांडों ने इनके पेट में सींग मार दिए थे, जिससे इनकी मौत हो गई।
जिला प्रशासन का कहना है कि आयोजकों ने इसके लिए पुलिस से इजाजत नहीं ली थी। दिवाली के बाद ‘होरी हब्बा’ नामक इस लोकप्रिय कार्यक्रम को आयोजन किया जाता है। शिवमोगा के पुलिस अधीक्षक मिथुन कुमार जीके के अनुसार हमें इन दोनों कार्यक्रमों की कोई जानकारी नहीं थी। आयोजकों ने इनकी इजाजत नहीं ली थी। घटना की जांच जारी है। कर्नाटक के गृह मंत्री अरग ज्ञानेंद्र ने कहा कि पुलिस इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करेगी। यह बैल या सांड दौड़ परंपरागत खेल है। आयोजक को एहतियात बरतना चाहिए।
जल्लीकट्टू व कंबाला जैसा होता है यह खेल
होरी हब्बा खेल तमिलनाडु के बहुचर्चित ‘जल्लीकट्टू’ एवं दक्षिण कन्नड़ जिले के ‘कंबाला’ के समान होता है। इसमें सजे हुए सांड या बैलों को भीड़ के बीच दौड़ाया जाता है और लोग उन्हें पकड़ने की कोशिश करते हैं। जो सांड या बैल दौड़ते हुए पहले से तय स्थान पर पहुंच जाता है, उसे विजेता घोषित कर उसे व उसके मालिक का सम्मानित किया जाता है।