फर्रुखाबाद:- कई ऐसे पेड़ पौधे हैं जिनकी पत्तियां आयुर्वेद में बहुत ही लाभदायक मानी जाती हैं. ऐसा ही सेहुंड का पेड़ है, जिसका नाम आपको अजीब लग सकता है. इस कांटेदार झाड़ी को हिंदी में थूहर के नाम से भी जाना जाता है. मुख्य रूप से यह बाग बगीचों के किनारे बाड़ के इस्तेमाल के रूप में उगाया जाता है, लेकिन यह औषधीय गुणों से भरपूर है. साथ ही यह इंसान की तमाम बीमारियों को जड़ से खत्म करने में मददगार है. इस पेड़ के तने और पत्तों की शाखाओं से निकलने वाले दूध में कई तरह की बीमारियों से लड़ने के गुण पाए जाते हैं.
सीएचसी कमालगंज में आयुष चिकित्साधिकारी डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सेहुंड के पत्तों का प्रयोग आंखों में दर्द, सूजन और लाल होने की परेशानी दिलाता है. इस पेड़ से निकलने वाले झीर से इलाज किया जाता है. साथ ही बताया कि सर्दी लगने पर इसके पत्तों को गर्म करके प्रयोग किया जाता है, तो यह खांसी के लिए भी रामबाण यह पौधा है. वहीं, इसकी कोमल पत्तियों को गर्म करके इसका रस निकालकर गुड़ के साथ मिलाकर पिलाने से बच्चों को उल्टी में भी फायदा मिलता है.
कान की समस्या से लेकर खांसी और बवासीर में लाभदायक
डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सेहुंड का प्रयोग कान दर्द, कान से रस बहना, बहरेपन की समस्या जैसे अनेकों रोगों में किया जाता है. दरअसल इसके छिलका रहित तने को आग पर गर्म करने के बाद उसका रस निकालकर एक से दो बूंद कान में डालने से कान के दर्द से राहत मिलती है.
साथ ही बताया कि बदलते मौसम के साथ ही बच्चों से लेकर बड़ों तक खांसी की समस्या होती है. सेहुंड की पत्तियों का इस्तेमाल करके खांसी और जुकाम से निजात पा सकते हैं. पत्तों के रस को निकाल कर सेवन किया जाता है. साथ ही डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि सेहुंड के पत्तों के लेप से बवासीर जैसी बीमारी से निजात मिलती है. हालांकि इसका उपयोग डॉक्टर की बिना सलाह के न करें.
