मध्य प्रदेश ;· खरगोन जिले में इन दिनों किसान रबी सीजन की तैयारियों में पूरी तरह जुट गए हैं. यहां लगभग पौने दो लाख हेक्टेयर में किसान गेहूं की बुवाई करते हैं. 20 अक्टूबर से जिले में गेहूं की बुवाई शुरू हो जाएगी. लेकिन, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की बुवाई के समय किसान एक बड़ी गलती कर देते हैं, जिसकी वजह से फसल की पैदावार और गुणवत्ता दोनों पर असर पड़ता है.
ज्यादातर किसान करते हैं ये गलती
कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह बताते हैं कि किसान अक्सर सिंड्रिल मशीन में गेहूं का बीज और खाद दोनों को एक साथ डाल देते हैं. यह तरीका गलत है, क्योंकि खाद का रासायनिक प्रभाव बीज को नुकसान पहुंचाता है. कई बार बीज अंकुरित ही नहीं होते या कमजोर पौधे निकलते हैं. इससे पैदावार में गिरावट आती है और किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.
दो पेटी वाली सिंड्रिल मशीन के फायदे
उन्होंने बताया कि बाजार में अब दो पेटी वाली सिंड्रिल मशीनें उपलब्ध हैं. इस मशीन की खासियत यह है कि इसमें एक पेटी में बीज और दूसरी पेटी में खाद डाली जाती है. जब बुवाई होती है तो बीज और खाद अलग-अलग गहराई पर मिट्टी में जाते हैं. इससे बीज को शुरुआती विकास के लिए पर्याप्त पोषण मिलता है और अंकुरण भी एक समान होता है.
सिंड्रिल उपलब्ध नहीं तो क्या करें
डॉ. सिंह का कहना है कि जिन किसानों के पास दो पेटी वाली सिंड्रिल उपलब्ध नहीं है, वे पहले खेत में खाद को समान रूप से फैला दें. उसके बाद गेहूं की बुवाई करें. ऐसा करने से बीज सीधे खाद के संपर्क में नहीं आता और जड़ें मजबूत बनती हैं. इससे पौधा ज्यादा हरा-भरा और स्वस्थ रहता है.
बीज और खाद साथ डालने के नुकसान
बीज और खाद को एक साथ डालने पर एक और समस्या आती है. फर्टिलाइजर की मात्रा कुछ जगह ज्यादा और कुछ जगह कम रह जाती है. इससे फसल असमान रूप से बढ़ती है. कुछ पौधे तेजी से बढ़ जाते हैं जबकि कुछ कमजोर रह जाते हैं. इसका असर उत्पादन पर पड़ता है