इससे पहले ऐसा संयोग वर्ष 2013 में बना था। भगवान राम का जन्म कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में मध्यान्ह 12 बजे हुआ था। राम नवमी इस बार रामनवमी पर पांच ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। नौ वर्ष बाद यह संयोग बन रहा है। ज्योतषियों के अनुसार यह संयोग इस दिन की शुभता में वृद्धिकारक होगा। इससे पहले ऐसा संयोग वर्ष 2013 में बना था। भगवान राम का जन्म कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त में मध्यान्ह 12 बजे हुआ था। इस दिन अश्लेषा नक्षत्र और लग्न में स्वग्रही चंद्रमा एवं सप्तम भाव में स्वग्रही शनि, दशम भाव में सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह है और दिन बुधवार रहेगा। ग्रहों की यह युति इस दिन को मंगलकारी बनाएगी। इस दिन की गई पूजा और खरीदारी समृद्धिदायक और शुभता लाने वाली होगी। किसी भी प्रकार का शुभ कार्य इस दिन प्रारंभ किया जा सकता है। यह सभी विशेष संयोग मानव जीवन के लिए बेहद लाभदायक साबित होगा। यह जीवन को सुखमय बनाएगा। 12 बजे आरती अधिक फलदायी श्रीराम की राशि कर्क और लग्न भी कर्क है। लग्न में स्वग्रही चंद्रमा का होना सुख शांति प्रदान करेगा। इसके साथ अश्लेषा नक्षत्र भी दिन की सुभता को बढ़ाएगा। नवमी पूजा का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 2 मिनट से दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। 2 घंटे 36 मिनट का समय पूजा के लिए मिलेगा। भगवान श्रीराम का जन्म मध्यान्ह 12 बजे हुआ था। इसलिए इनकी आरती भी इसी समय 12 बजे करना उत्तम रहेगा। जलाए जाएंगे नौ दीए, चांदी के मुकुट से श्रृंगार वीआईपी रोड स्थित मंदिर के पंडित हनुमंत लाल ने बताया है कि कोरोना संक्रमण के कारण सादगी से पर्व मनाया जाएगा। 12 बजे जन्मोत्सव मनाया जाएगा। शाम को नौ दीए जलाए जाएंगे। सिर्फ मंदिर समिति के सदस्य ही शामिल होंगे। जैतूसाव मठ में भी 12 बजे ही जन्मोत्सव मनाया जाएगा। यहां भगवान का श्रृंगार चांदी के मुकुट से किया जाएगा। विशेष आयोजन नहीं पिछले वर्ष भी रामनवमी के समय लॉकडाउन लगा हुआ था। इस वर्ष भी इस तरह की ही स्थिति है। विशेष साज-सज्जा भी मंदिरों में नहीं की गई है। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी मंदिरों द्वारा बड़े आयोजन नहीं करने का फैसला लिया गया है। मंदिरों में भक्तों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। सिर्फ मंदिर समिति के सदस्य ही सीमित संख्या में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूजा करेंगे।