नई दिल्ली:- अगर आपके पास भी इलेक्ट्रिक व्हीकल है या लेने का प्लान कर रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नए प्लान से आपकी बल्ले-बल्ले होने वाली है. गडकरी ने एक न्यूज चैनल की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में मुंबई में कहा कि सरकार दिल्ली से जयपुर तक इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने का प्लान कर रही है. इससे पहले भी वह अलग-अलग कार्यक्रम में दिल्ली-जयपुर इलेक्ट्रिक हाइवे का जिक्र कर चुके हैं.
इलेक्ट्रिक हाईवे विकसित करने पर काम किया जा रहा
इलेक्ट्रिक हाईवे सड़कों या हाईवे का एक नेटवर्क है जो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किये गए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस होता है. ये हाईवे आमतौर पर रूट के साथ चार्जिंग सिस्टम की सुविधा देते हैं ताकि इलेक्ट्रिक वाहन चलाने वालों की लंबी दूरी की यात्रा ज्यादा सुविधाजनक हो सके. पिछले दिनों ईटी में प्रकाशित खबर में भी दावा किया गया था कि सरकार इंटरसिटी पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इलेक्ट्रीफिकेशन के जरिये ईंधन की खपत और वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के प्रयास के तहत गोल्डन क्वाड्रिलेटर के साथ इलेक्ट्रिक हाईवे विकसित करने के प्लान पर काम कर रही है.
6,000 किमी इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने का टारगेट
खबर में दावा किया गया था कि केंद्र सरकार का टारगेट 6,000 किमी इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने का है. प्रोजेक्ट को अगले सात साल में शुरू किया जाना है, जिसका टारगेट इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने में तेजी लाना और देशभर में इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती को सुविधाजनक बनाना है. ई-हाईवे में ग्रीन एनर्जी से चलने वाले चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा होगी. यह पहल 2030 – पीएम पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा कार्यक्रम का हिस्सा है.
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने का प्लान
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि इलेक्ट्रिक हाईवे का डेवलपमेंट इलेक्ट्रिक बसों की एंट्री के साथ-साथ होने की संभावना है, जिससे भारत में ईवी के लिए इकोसिस्टम की स्थापना में तेजी आएगी. नए ई-हाईवे से चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट को गति मिलने की उम्मीद है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग रोजाना के सफर के लिए इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे.
पिछले साल 83,000 इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री
पिछले साल इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री बढ़कर 83,000 यूनिट तक पहुंच गई. हालांकि इनकी बिक्री का टारगेट एक लाख का रखा गया था. कई पहली बार खरीदारों ने इलेक्ट्रिक वाहनों को अपने प्राथमिक परिवहन साधन के रूप में चुनने में हिचकिचाहट दिखाई है, मुख्य रूप से रेंज और देश में अपर्याप्त चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की चिंताओं के कारण. नतीजतन, उपभोक्ताओं ने ईवी को मुख्य वाहन के बजाय द्वितीयक या तृतीयक विकल्प के रूप में देखा है.
गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार देश को बॉयो फ्यूल के मामले में दुनिया में शीर्ष पर बनाने का भी प्लान कर रही है. साथ ही उन्होंने घोषणा की कि केंद्र सरकार नागपुर में एक इलेक्ट्रिक ट्रॉली बस के लिए पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जिससे टिकट की कीमतें 30 प्रतिशत तक कम होने की है।
